क्या केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' ने बढ़ाई मुसीबत, मस्तिष्क संक्रमण से एक और मौत?

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क्या केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' ने बढ़ाई मुसीबत, मस्तिष्क संक्रमण से एक और मौत?

सारांश

केरल में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से एक और मरीज की मौत ने फिर से चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने जल स्रोतों की जांच बढ़ा दी है। जानिए इस घातक मस्तिष्क संक्रमण के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

Key Takeaways

  • अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक गंभीर मस्तिष्क संक्रमण है।
  • यह दिमाग खाने वाला अमीबा दूषित पानी से फैलता है।
  • स्वास्थ्य अधिकारियों ने जल स्रोतों की जांच बढ़ाई है।
  • सरकार सफाई अभियान चला रही है।
  • सुरक्षित जल का उपयोग करें और संक्रमण से बचें।

कोझिकोड (केरल), 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शनिवार सुबह केरल में मस्तिष्क संक्रमण से संबंधित बीमारी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से एक और मरीज की जान चली गई। इस साल इस बीमारी के कारण राज्य में मौतों की संख्या अब सात हो गई है।

मृतक रतीश (45) वायनाड जिले के बाथेरी का निवासी था, जिसका इलाज एक सप्ताह से अधिक समय से कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल (केएमसीएच) में चल रहा था।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के मरीज की मृत्यु की सूचना मिली।

रतीश को तेज बुखार और खांसी के कारण नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब हालत खराब हुई, उसे केएमसीएच रेफर किया गया, जहां उसने अंतिम सांस ली।

केएमसीएच में भर्ती कासरगोड जिले के एक और मरीज की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि ग्यारह अन्य का उपचार जारी है। शुक्रवार को एक मरीज को छुट्टी दे दी गई।

केरल में इस वर्ष अब तक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के 42 मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से अधिकांश मामले कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों से आए हैं। इस साल कोझीकोड में इस बीमारी से चार मौतें हो चुकी हैं, जिनमें पिछले महीने एक तीन महीने का शिशु और नौ साल की एक बच्ची भी शामिल हैं।

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ, लेकिन बेहद खतरनाक मस्तिष्क संक्रमण है, जो नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के कारण होता है। इसे आम भाषा में 'दिमाग खाने वाला अमीबा' कहा जाता है।

ये अमीबा दूषित पानी में तैरने या नहाने के दौरान नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। नेग्लेरिया फाउलेरी गर्म और मीठे पानी में, विशेषकर गर्मियों और मानसून के महीनों में जीवित रहता है।

मस्तिष्क संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में तालाबों, कुओं और अन्य जल स्रोतों के पानी की जांच तेज कर दी है।

केएमसीएच ने बीमारी का पता लगाने के लिए नैदानिक सुविधाओं में विस्तार किया है। केरल के वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन द्वारा आवंटित धन का उपयोग अतिरिक्त परीक्षण उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा।

केरल सरकार पूरे राज्य में कुओं, पानी की टंकियों और सार्वजनिक जल निकायों की सफाई का अभियान चला रही है।

Point of View

हमारी प्राथमिकता जन स्वास्थ्य और सुरक्षा होनी चाहिए। मस्तिष्क संक्रमण के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है। यह आवश्यक है कि सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस क्या है?
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक गंभीर मस्तिष्क संक्रमण है, जो नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के कारण होता है।
यह संक्रमण कैसे फैलता है?
यह अमीबा दूषित पानी में तैरने या नहाने के दौरान नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
इसके लक्षण क्या हैं?
इस संक्रमण के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मतली, और खांसी शामिल हैं।
क्या इस संक्रमण से बचा जा सकता है?
इससे बचने के लिए दूषित जल स्रोतों से दूर रहना और साफ पानी का उपयोग करना आवश्यक है।
सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है?
सरकार जल स्रोतों की सफाई और स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों का संचालन कर रही है।