क्या जीएसटी सुधारों के बीच भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई?

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क्या जीएसटी सुधारों के बीच भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई?

सारांश

क्या जीएसटी सुधारों के बीच भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई? जानिए इस सप्ताह के महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े और बाजार की स्थिति।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह मामूली वृद्धि हुई।
  • निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग ०.८५ प्रतिशत की वृद्धि की।
  • उच्च ब्याज दरें और भू-राजनीतिक जोखिमों का असर रहा।
  • जीएसटी में कटौती से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि की संभावना है।
  • वैश्विक संकेतों ने घरेलू बाजारों को सहारा दिया।

मुंबई, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी को रेशनलाइज करने को लेकर प्रारंभिक आशा कम होने और वैश्विक व्यापार तनाव फिर से उभरने के कारण इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में मामूली वृद्धि देखी गई।

बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग ०.८५ प्रतिशत की वृद्धि के साथ सप्ताह का समापन किया, जिसमें मुख्य ध्यान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर रहा।

आर्थिक अस्थिरता, उच्च ब्याज दरों और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण विवेकाधीन खर्च में कमी की चिंताओं के बीच निफ्टी आईटी इस सप्ताह २.५ प्रतिशत से अधिक गिर गया।

सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी मेटल और ऑटो सूचकांकों में लगभग १ प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रियल्टी और एफएमसीजी सूचकांक मुनाफावसूली के कारण १.५ प्रतिशत तक गिर गए।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "आईटी सेक्टर के विपरीत, उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्र जैसे ऑटो और एफएमसीजी में तेजी आई, क्योंकि जीएसटी में कटौती से घरेलू खपत बढ़ेगी और मांग में सुधार में मदद मिलेगी।"

उत्साहजनक व्यापक आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने घरेलू शेयर बाजारों को कुछ सहारा दिया। हालांकि, ग्लोबल बॉंड मार्केट्स ने सतर्कता का माहौल बढ़ा दिया है, जहां यूरोजोन में बढ़ते कर्ज और राजकोषीय असंतुलन के कारण जर्मनी और फ्रांस ३०-ईयर यील्ड दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।

वाहनों पर जीएसटी २८ प्रतिशत से घटाकर १८ प्रतिशत किए जाने के बाद आयशर मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयर २-२ प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। मेटल सेक्टर से जुड़े शेयरों में, जीएमडीसी ११ प्रतिशत उछलकर ५०९ रुपए पर पहुंच गया, जबकि नेशनल एल्युमीनियम और एनएमडीसी में २ प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।

विश्लेषकों का अनुमान है कि जीएसटी राहत, मजबूत खपत और सरकारी खर्च से घरेलू विकास से जुड़े क्षेत्रों को लाभ होने के कारण बाजार में सेंटीमेंट मिला-जुला रहेगा, जबकि वैश्विक व्यापार वार्ता जोखिम उठाने की क्षमता को सीमित करती रहेगी।

नायर ने कहा, "इस माहौल में मल्टी-एसेट निवेश रणनीति के जोर पकड़ने की उम्मीद है। ट्रेडर्स का ध्यान यूएस जॉब रिपोर्ट पर है, जो एक व्यापक कारक है जो फेड की ब्याज दरों में कटौती को प्रभावित कर सकता है। यूएस नॉनफॉर्म पेरोल्स, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और ईसीबी के ब्याज दरों के फैसले भी इस सप्ताह निवेशकों का मार्गदर्शन करेंगे।"

मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग हाउस के अनुसार, "साप्ताहिक पैमाने पर, निफ्टी ने एक इनसाइड बार पैटर्न बनाकर एक व्यापक दायरे में कंसोलिडेट किया है। २४,५०० और २४,६५० के स्तर पर समर्थन मिल सकता है, लेकिन अब इसे २४,७०० के स्तर से ऊपर बने रहना होगा ताकि २४,८५० और फिर २५,००० के स्तर तक ऊपर की ओर बढ़ सके।"

घरेलू स्तर पर, लगातार विदेशी निकासी ने रुपए पर दबाव डाला, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इस बीच, सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने की कीमतों को सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया।

जीएसटी को रेशनलाइज करने से उपभोग को बढ़ावा मिलने, कर प्रणाली को सरल बनाने, अनुपालन बोझ को कम करने और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे कर आधार का विस्तार होगा।

Point of View

NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी में सुधार का बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा?
जीएसटी में सुधार से उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद है, जिससे बाजार में तेजी आई है।
इस सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स का प्रदर्शन कैसा रहा?
इस सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग ०.८५ प्रतिशत की वृद्धि के साथ सप्ताह का समापन किया।
क्या आर्थिक अनिश्चितता का बाजार पर असर है?
हाँ, आर्थिक अनिश्चितता, उच्च ब्याज दरें और भू-राजनीतिक जोखिमों ने बाजार को प्रभावित किया है।
क्या निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए?
हाँ, निवेशकों को वैश्विक संकेतों और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना चाहिए।
क्या ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में तेजी आई है?
जी हाँ, जीएसटी में कटौती से ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में तेजी आई है।