क्या न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम से सिकल सेल रोग की मृत्यु दर में कमी आई है?

Click to start listening
क्या न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम से सिकल सेल रोग की मृत्यु दर में कमी आई है?

सारांश

सिकल सेल रोग को लेकर आईसीएमआर का नया प्रोग्राम नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसने मृत्यु दर को 20-30% से घटाकर 5% से भी नीचे लाने में मदद की है। क्या यह कार्यक्रम अन्य बीमारियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा?

Key Takeaways

  • न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम ने सिकल सेल रोग की मृत्यु दर में महत्वपूर्ण कमी की है।
  • सिकल सेल रोग का जल्दी निदान जीवन बचाने में सहायक है।
  • इस कार्यक्रम ने जागरूकता और रोकथाम में भी मदद की है।

नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अंतर्गत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोहेमेटोलॉजी, मुंबई द्वारा 2019 से 2024 के बीच चलाए गए न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम ने सिकल सेल रोग से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। इस प्रोग्राम के कारण मृत्यु दर 20-30 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत से नीचे पहुंच गई है।

आईसीएमआर-सीआरएमसीएच की निदेशक डॉ. मनीषा मडकैकर ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि नवजात शिशुओं में समय पर निदान और उपचार से इस गंभीर आनुवंशिक रक्त विकार के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

सिकल सेल रोग एक पुराना, एकल-जीन विकार है, जो जीवन भर मरीज को प्रभावित करता है। इसमें शरीर में रक्त की कमी होती है, दर्द के दौरे पड़ते हैं, अंगों को नुकसान होता है और इससे जीवनकाल भी कम हो जाता है।

डॉ. मडकैकर ने कहा, "न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम जरूरी है, क्योंकि प्रारंभिक निदान पर पेनिसिलिन, विटामिन, टीकाकरण और हाइड्रॉक्सीयूरिया थेरेपी जैसे उपचार शुरू किए जा सकते हैं। इससे मृत्यु दर में भारी कमी आई है।"

इस अध्ययन में 63,536 नवजात शिशुओं की जांच की गई, जिनमें 57 प्रतिशत आदिवासी और 43 प्रतिशत गैर-आदिवासी परिवारों से थे। इस अध्ययन में 546 सिकल सेल रोग के मामले पाए गए। यह अध्ययन सात उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों - उदयपुर (राजस्थान), भरूच (गुजरात), पालघर, चंद्रपुर, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र), मंडला, डिंडोरी (मध्य प्रदेश), नबरंगपुर, कंधमाल (ओडिशा) और नीलगिरी (तमिलनाडु) में किया गया।

गुजरात में सबसे अधिक 134 मामले, महाराष्ट्र में 127, ओडिशा में 126, मध्य प्रदेश में 97, राजस्थान में 41 और तमिलनाडु में 21 मामले सामने आए। अध्ययन में 22 बच्चों (4.15 प्रतिशत) की मृत्यु सिकल सेल रोग से हुई।

डॉ. मडकैकर ने कहा, "जल्दी पहचान से न केवल बच्चे का इलाज संभव है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों की जांच और परामर्श से बीमारी को और फैलने से रोका जा सकता है।"

उन्होंने सुझाव दिया कि सिकल सेल रोग के प्रचलित क्षेत्रों में सभी नवजात शिशुओं की जांच अनिवार्य होनी चाहिए। यह कार्यक्रम न केवल जान बचाता है, बल्कि जागरूकता और रोकथाम में भी मदद करता है।

Point of View

आईसीएमआर का न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल सिकल सेल रोग के मामलों की पहचान कर रहा है, बल्कि परिवारों को भी इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम क्या है?
यह एक स्वास्थ्य कार्यक्रम है जो नवजात शिशुओं में सिकल सेल रोग का जल्दी निदान करने के लिए स्थापित किया गया है।
सिकल सेल रोग क्या है?
यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो शरीर में रक्त की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
क्या न्यूबोर्न टेस्ट प्रोग्राम से मृत्यु दर में कमी आई है?
हाँ, इस प्रोग्राम के कारण सिकल सेल रोग से होने वाली मृत्यु दर 20-30% से घटकर 5% से नीचे आ गई है।