क्या वी.के. पाहुजा वार्षिक तैराकी सांख्यिकी बुलेटिन का 45वां अंक विमोचित हुआ?

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क्या वी.के. पाहुजा वार्षिक तैराकी सांख्यिकी बुलेटिन का 45वां अंक विमोचित हुआ?

सारांश

वी.के. पाहुजा वार्षिक तैराकी सांख्यिकी बुलेटिन के 45वें अंक का विमोचन समारोह में तैराकी की दुनिया के कई दिग्गज शामिल हुए। यह बुलेटिन तैराकी के विकास और उपलब्धियों को समर्पित है। जानिए इस समारोह में क्या खास रहा और किस प्रकार युवा तैराकों को प्रोत्साहित किया गया।

Key Takeaways

  • वी.के. पाहुजा का योगदान तैराकी की दुनिया में महत्वपूर्ण है।
  • तैराकी स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए सर्वोत्तम खेलों में से एक है।
  • बुलेटिन में विशेष साक्षात्कार शामिल हैं।
  • युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत।
  • भारतीय तैराकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास।

नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। वी.के. पाहुजा वार्षिक तैराकी सांख्यिकी बुलेटिन के 45वें अंक का विमोचन (मानद) ब्रिगेडियर डॉ. अरविंद लाल, पद्मश्री, कार्यकारी अध्यक्ष, डॉ. लाल पैथ लैब्स द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के एनेक्सी में किया गया।

इस विमोचन समारोह में पूर्व डीसीपी दयानंद सिंघल विशेष अतिथि थे। बुलेटिन की पहली प्रति के.वी. शर्मा, वरिष्ठतम तैराकी प्रशिक्षक और भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्व प्रशासक को भेंट की गई। बुलेटिन का संकलन लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन में शारीरिक शिक्षा की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी पाहुजा ने किया है। वह एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय तैराक हैं, जिन्होंने देश के लिए कई पदक जीते हैं और प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कार विजेता हैं।

इस अवसर पर भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) की दो महिला प्रशिक्षकों (नारी शक्ति को सलाम) को सम्मानित किया गया, जिन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक सेवा की। सम्मानित होने वाली दो कोच सुश्री परमपाल जोहल और चंदा बरुआ थीं। अग्रणी पैरा तैराकी कोच रणबीर को भी उनके दो प्रमुख पैरा तैराकों हिमांशु नांदल और अमन शर्मा के साथ सम्मानित किया गया। इसके अलावा, दिल्ली के एसपीएम स्विमिंग पूल में साई-ग्लेनमार्क अकादमी के कोच देबेश्वर के साथ दो प्रमुख तैराकों युवराज सिंह, ध्रुव सेजवाल को भी सम्मानित किया गया।

इस बुलेटिन में आजीवन अर्जुन पुरस्कार विजेता मुरलीकांत पेटकर, दो पैरा तैराक हिमांशु नांदल और अमन शर्मा का विशेष साक्षात्कार है। दो वरिष्ठ महिला कोच सुश्री परमपाल और सुश्री चंदा बरुआ पर विशेष लेख हैं। इस समारोह में कई युवा तैराक, माता-पिता और तैराकी कोच और खेल प्रेमी भी मौजूद थे।

इस अवसर पर (मानद) ब्रिगेडियर डॉ. अरविंद लाल ने अपने समृद्ध अनुभव के आधार पर सभी को स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए विशेष समय निकालने की सलाह दी, जिससे वे अच्छी शारीरिक स्थिति में रहेंगे और डॉक्टरों से दूर रहेंगे! उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तैराकी समग्र फिटनेस के लिए सबसे अच्छे खेलों में से एक है। उन्होंने बताया कि तैराकी उनका पसंदीदा खेल है और वे इसे टीवी पर देखना भी पसंद करते हैं, खासकर ओलंपिक और अन्य खेल आयोजनों के दौरान। उन्हें माइकल फेल्प्स को देखना बहुत पसंद था। उन्होंने कामना की कि भारतीय तैराकी की लोकप्रियता बढ़े और तैराक अंतरराष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिताओं में पदक विजेता बनें।

उन्होंने वी.के. पाहुजा को याद किया और उनकी बेटी डॉ. मीनाक्षी पाहुजा की इस विरासत को समर्पित और अकादमिक दृढ़ता के साथ संरक्षित करने और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के लिए सराहना की। श्री पाहुजा को श्रद्धांजलि और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेटा के समृद्ध दस्तावेजीकरण के साथ यह 45वां संस्करण खेल भावना और विद्वत्तापूर्ण उत्कृष्टता की सच्ची भावना को दर्शाता है। उन्होंने कामना की कि यह प्रकाशन महत्वाकांक्षी तैराकों के लिए मार्ग प्रशस्त करता रहे और वैश्विक जलीय क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति में योगदान दे।

डॉ. मीनाक्षी पहुजा ने डॉ. लाल पैथ लैब्स के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अरविंद लाल से अपील की कि उनके समृद्ध अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, डॉ. लाल पैथ लैब्स देश में विश्वसनीय नाम है और उन्हें न केवल तैराकों बल्कि भारतीय एथलीटों, कोचों और अभिभावकों की मदद के लिए विशेष परीक्षण करने चाहिए। वैज्ञानिक परीक्षण से पता चलेगा कि प्रशिक्षण के बाद रिकवरी कम क्यों होती है? हार्मोन की कमी या पोषण की कमी क्या है? किस विटामिन की कमी के कारण प्रदर्शन स्थिर हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि जब फास्ट ट्रैक परीक्षण और प्रमाणिक परिणाम उपलब्ध होंगे तो यह एक बड़ी मदद होगी और भारतीय खेलों को वैज्ञानिक सहायता की अधिक आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समय से पहले थकान न हो और भारत पदक तालिका में आगे बढ़ सके। डॉ. अरविंद लाल ने भारतीय खिलाड़ियों को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया।

वी.के. पाहुजा तैराकी सांख्यिकी बुलेटिन स्वर्गीय वी.के. पाहुजा की स्मृति में है, जिन्होंने इस बुलेटिन की शुरुआत की थी। वे अपने समय के एक प्रख्यात राष्ट्रीय पदक विजेता तैराक और अंतर्राष्ट्रीय वाटर पोलो खिलाड़ी थे। पाहुजा एक अत्यधिक प्रतिष्ठित तैराकी कोच भी थे, जिन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जैसे कि फीना अंतर्राष्ट्रीय वाटर पोलो रेफरी, अंतर्राष्ट्रीय तैराकी सांख्यिकीविद् संघ के सदस्य और भारतीय तैराकी महासंघ के आधिकारिक सांख्यिकीविद्।

इस संस्करण में वी. के. पाहुजा को श्रद्धांजलि दी गई है। इसके अलावा, 460 पृष्ठों में फैले इस बुलेटिन में 6 खंडों में विभाजित स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्यों के अभिलेख तथा तैराकी मानचित्र पर दुनिया के विभिन्न प्रमुख देशों के तुलनात्मक अध्ययन शामिल हैं। पुस्तक में एक बहुत ही रोचक संदर्भ खंड भी है, जो हमें पिछले 90 वर्षों में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भारतीय तैराकों की भागीदारी के बारे में बताता है। यह तैराकी प्रशिक्षकों, पत्रकारों और जल खेल प्रेमियों के लिए एक उत्कृष्ट संदर्भ पुस्तक है।

Point of View

बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। हमें उम्मीद है कि इस तरह के आयोजनों से तैराकी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और युवा तैराकों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

वी.के. पाहुजा वार्षिक तैराकी सांख्यिकी बुलेटिन क्या है?
यह बुलेटिन तैराकी के क्षेत्र में विभिन्न आंकड़े और तैराकों की उपलब्धियों का दस्तावेज है।
इस बुलेटिन का विमोचन कब हुआ?
इसका विमोचन 24 जून को नई दिल्ली में हुआ।
कौन-कौन से प्रमुख व्यक्ति इस समारोह में शामिल हुए?
इस समारोह में ब्रिगेडियर डॉ. अरविंद लाल, पूर्व डीसीपी दयानंद सिंघल, और कई अन्य तैराक शामिल हुए।
बुलेटिन में क्या विशेषताएँ हैं?
इसमें तैराकों के साक्षात्कार और तैराकी की दुनिया में उनके योगदान पर लेख शामिल हैं।
यह बुलेटिन किन लोगों के लिए उपयोगी है?
यह तैराकी प्रशिक्षकों, पत्रकारों और जल खेल प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ पुस्तक है।