क्या मोटापे का फेफड़ों पर असर है? अध्ययन में खुलासा!

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क्या मोटापे का फेफड़ों पर असर है? अध्ययन में खुलासा!

सारांश

एक अध्ययन में यह सामने आया है कि अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के फेफड़ों की उम्र तेजी से बढ़ती है। यह अध्ययन बताता है कि मोटापा फेफड़ों के संरचनात्मक परिवर्तन का कारण बनता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। जानिए इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष।

Key Takeaways

  • अत्यधिक मोटापा फेफड़ों की उम्र को तेजी से बढ़ाता है।
  • मोटापे के कारण फेफड़ों में संरचनात्मक परिवर्तन होते हैं।
  • फेफड़ों के फाइब्रोब्लास्ट वसा जमा करते हैं और सक्रिय हो जाते हैं।
  • ये परिवर्तन सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकते हैं।
  • मोटापा वृद्ध लोगों के फेफड़ों की उम्र बढ़ाने का एक कारण है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक नए अध्ययन से पता चला है कि सीवियर ओबेसिटी यानी अत्यधिक मोटापे से प्रभावित व्यक्तियों के फेफड़ों की उम्र तेजी से बढ़ जाती है।

जर्मनी के बॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह जानने का प्रयास किया कि मोटापे के दौरान फेफड़े पोषण संबंधी चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं।

शोध दल ने यह दिखाया कि मोटापा फेफड़ों के एक्स्ट्रासेल्युलर मैट्रिक्स को नए रूप में बदल देता है - यह एक प्रोटीन-आधारित “ढांचा” है जो फेफड़ों को आकार और स्थिरता प्रदान करता है।

सेल रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है, "फेफड़ों के ऊतकों में ये परिवर्तन सामान्यतः उम्र के साथ होने वाले परिवर्तनों के समान होते हैं, और यह दर्शाता है कि अधिक वजन होने से फेफड़े समय से पहले 'बूढ़े' हो जाते हैं।"

शोध दल ने प्रोटीन, फैट्स और जीन के विश्लेषण के लिए मल्टी-ओमिक्स तकनीकों का उपयोग किया। इसके साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक इमेज एनालिसिस के परिणामों का भी अध्ययन किया गया।

उन्होंने मोटे और दुबले चूहों के फेफड़ों की तुलना की, फेफड़ों में ह्यूमन कनेक्टिव टिशू सेल्स का विश्लेषण किया और फेफड़ों की संरचना का बारीकी से अध्ययन किया - जिससे उन्हें मॉलिक्युलर (आणविक) और फंक्शनल (कार्यात्मक) दोनों परिवर्तनों को समझने में मदद मिली।

मोटापे के कारण, फेफड़ों के फाइब्रोब्लास्ट यानी संयोजी ऊतक कोशिकाएं विशेष रूप से वसा जमा करती हैं, अधिक सक्रिय हो जाती हैं और समय से पहले उम्र बढ़ने के संकेत दिखाती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस दौरान, फेफड़ों का मैट्रिसोम भी बदल जाता है और कुछ प्रोटीएज अवरोधकों का संतुलन बिगड़ जाता है।

उन्होंने कहा, "ये परिवर्तन फेफड़ों की इलास्टिसिटी (लचीलापन) को प्रभावित करते हैं, जिससे यह समझा जा सकता है कि मोटापा अक्सर सांस लेने में कठिनाई से क्यों जुड़ा होता है।"

दिलचस्प बात यह है कि ये परिवर्तन सामान्यतः वृद्ध लोगों में देखे जाने वाले परिवर्तनों के समान होते हैं, जो मोटापे को फेफड़ों के त्वरित उम्र बढ़ने का एक कारण बताते हैं।

सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक फेफड़ों के जटिल संयोजी ऊतक—फाइब्रोब्लास्टिक स्ट्रोमा (एफएससी) का विश्लेषण करना था, जिसमें कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाएं होती हैं। इसके अलावा, टीम ने कहा कि बाह्यकोशिकीय (एक्स्ट्रासेल्युलर) मैट्रिक्स का अध्ययन करना भी कठिन है क्योंकि इसके कई प्रोटीन अघुलनशील होते हैं और उनकी संरचना बहुत जटिल होती है।

शोधकर्ताओं ने कहा, "कुल मिलाकर, मोटापे के कारण फेफड़ों में जटिल परिवर्तन हुए हैं जो अंततः एफएससी को प्रभावित करते हैं और यह सुझाव देते हैं कि अतिपोषण समय से पहले बुढ़ापे में योगदान दे सकता है, जिससे फेफड़ों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।"

Point of View

जो न केवल व्यक्ति की जीवनशैली को प्रभावित करता है, बल्कि इसके दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणाम भी गंभीर हो सकते हैं। इस अध्ययन के निष्कर्ष को ध्यान में रखते हुए, हमें जागरूकता बढ़ाने और मोटापे से निपटने के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

मोटापे का फेफड़ों पर क्या असर पड़ता है?
अत्यधिक मोटापा फेफड़ों की उम्र को तेजी से बढ़ा सकता है और सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकता है।
क्या मोटापे से फेफड़ों की संरचना में परिवर्तन होता है?
हां, मोटापा फेफड़ों के एक्स्ट्रासेल्युलर मैट्रिक्स को बदल देता है, जिससे उनकी संरचना में परिवर्तन आता है।
क्या मोटापा वसा जमा करने का कारण बनता है?
जी हां, मोटापे के कारण फेफड़ों के फाइब्रोब्लास्ट विशेष रूप से वसा जमा करते हैं।
क्या ये परिवर्तन वृद्ध लोगों में भी देखे जाते हैं?
बिल्कुल, ये परिवर्तन सामान्यतः वृद्ध लोगों में भी देखे जाते हैं, जो समय से पहले बुढ़ापे का संकेत देते हैं।
क्या हम मोटापे से बच सकते हैं?
हां, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से मोटापे से बचा जा सकता है और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।