क्या समय से पहले मेनोपॉज दिल और दिमाग की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- समय से पहले मेनोपॉज दिल और दिमाग की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
- दिल की खराब स्थिति दिमागी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
- महिलाओं को मेनोपॉज की उम्र का ध्यान रखना चाहिए।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है।
- मानसिक स्वास्थ्य की जांच समय पर करानी चाहिए।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक नई अध्ययन में पाया गया है कि यदि महिलाओं में मेनोपॉज समय से पहले आ जाता है, तो यह न केवल उनके दिल की सेहत पर बल्कि दिमाग की कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह शोध यह दर्शाता है कि समय से पहले मेनोपॉज और हृदय की कमजोर स्थिति मिलकर दिमाग और सोचने-समझने की क्षमता को किस प्रकार प्रभावित कर सकती हैं।
पिछले अध्ययन में यह सामने आया था कि जिन महिलाओं को समय से पहले मेनोपॉज होता है, उनके लिए याददाश्त कमजोर होने और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा अधिक होता है। जब दिल सही से खून पंप नहीं कर पाता, तो दिमाग तक ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व कम पहुँचते हैं। इससे दिमाग की कोशिकाएं कमजोर हो सकती हैं, छोटे-छोटे स्ट्रोक हो सकते हैं और आगे चलकर डिमेंशिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस नई अध्ययन से पता चला है कि समय से पहले मेनोपॉज का दिल और दिमाग पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे दिमाग के विशेष हिस्सों का आकार कम हो जाता है, दिमाग में सफेद धब्बों की संख्या बढ़ती है और सोचने-समझने की क्षमता कम होती जाती है।
कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक टैलिन स्प्लिंटर ने कहा, "इससे पहले यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं था कि मेनोपॉज, विशेष रूप से समय से पहले मेनोपॉज, दिमाग पर किस प्रकार प्रभाव डालता है। इसलिए हमने दिल और दिमाग की सेहत को एक साथ अध्ययन करने का प्रयास किया।"
यह शोध 2025 में ऑरलैंडो में द मेनोपॉज सोसायटी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया। इसमें 500 से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया। दिल की कार्यक्षमता का मूल्यांकन कार्डियक एमआरआई के माध्यम से किया गया, जिससे यह पता चला कि दिल कितना प्रभावी ढंग से खून पंप कर रहा है। दिमाग की संरचना का मापन ब्रेन एमआरआई द्वारा किया गया, जिससे ग्रे मैटर वॉल्यूम और सफेद धब्बों की जानकारी प्राप्त हुई। इसके साथ ही महिलाओं की सोचने-समझने की क्षमता को मापने के लिए मानक मानसिक परीक्षण भी किए गए।
शोध से यह स्पष्ट हुआ कि समय से पहले मेनोपॉज और दिल की खराब स्थिति दोनों मिलकर दिमाग की कार्यक्षमता और उसकी संरचना पर मिलाजुला नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
मेनोपॉज सोसायटी की चिकित्सा निदेशक डॉ. स्टेफनी फौबियन ने कहा, "यह निष्कर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं में होने वाले डिमेंशिया और याददाश्त की कमजोरियों की रिसर्च में महिलाओं की खास जिंदगी की घटनाओं जैसे मेनोपॉज की उम्र को ध्यान में रखना चाहिए। इससे बीमारी की रोकथाम और इलाज में ज्यादा प्रभावी तरीके अपनाए जा सकते हैं।"
इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि दिल और दिमाग की सेहत के लिए महिलाओं को उनके मेनोपॉज की उम्र का भी ध्यान रखना चाहिए। यदि मेनोपॉज जल्दी हो रहा है, तो समय पर दिल की जांच और दिमागी स्वास्थ्य की देखभाल आवश्यक हो जाती है, ताकि बुढ़ापे में मानसिक समस्याओं से बचा जा सके।