क्या कृषि और ग्रामीण श्रमिकों को महंगाई से राहत मिली है?

Click to start listening
क्या कृषि और ग्रामीण श्रमिकों को महंगाई से राहत मिली है?

सारांश

सितंबर में भारत के कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति दर में गिरावट आई है। आंकड़े बताते हैं कि कृषि श्रमिकों के लिए यह दर -0.07 प्रतिशत और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 0.31 प्रतिशत रही। इस लेख में हम इसके कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

Key Takeaways

  • कृषि श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति दर -0.07 प्रतिशत रही।
  • ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह 0.31 प्रतिशत दर्ज की गई।
  • खाद्य सूचकांक में कमी आई है।
  • आंकड़े 34 राज्यों से एकत्रित किए गए हैं।
  • यह विकास श्रमिकों के जीवन स्तर के लिए महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) । श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति दर क्रमशः -0.07 प्रतिशत और 0.31 प्रतिशत रही।

कृषि श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 0.11 अंक की कमी के साथ 136.23 पर पहुँच गया, जबकि ग्रामीण श्रमिकों का सूचकांक 0.18 अंक घटकर 136.42 पर आ गया।

आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में खाद्य सूचकांक कृषि श्रमिकों के लिए 0.47 अंक और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 0.58 अंक कम हुआ।

लेबर ब्यूरो ने सितंबर माह के लिए आधार वर्ष 2019=100 के अनुसार कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किए हैं।

ये सूचकांक 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 787 नमूना गांवों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित हैं।

रिवाइज्ड सीरीज ने सूचकांकों को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए इसके दायरे और कवरेज को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है और कई पद्धतिगत परिवर्तन किए हैं। उदाहरण के लिए, उपभोग पैटर्न में बदलाव के कारण भार डायग्राम (कुल व्यय में व्यय का हिस्सा) को संशोधित किया गया है।

अर्थमेटिक मीन के स्थान पर जियोमेट्रिक मीन का उपयोग किया गया है, क्योंकि जीएम कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करता है और उद्देश्य के अनुसार व्यक्तिगत उपभोग के नवीनतम वर्गीकरण का उपयोग करता है।

इस बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर सितंबर में घटकर 0.13 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 0.52 प्रतिशत थी।

मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्यतः खाद्य उत्पादों, अन्य मैन्युफैक्चरिंग, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य परिवहन उपकरणों और वस्त्रों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

आंकड़ों के अनुसार, फसल की अधिक पैदावार और गेहूं व चावल के पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस महीने 1.38 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इसी तरह, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित देश की मुद्रास्फीति दर इस वर्ष सितंबर में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में घटकर 1.54 प्रतिशत पर आ गई है, जो आठ वर्ष से अधिक के निचले स्तर पर है, क्योंकि माह के दौरान खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतें सस्ती हो गई हैं।

Point of View

जिसमें डेटा संग्रहण में सुधार और उपभोग पैटर्न में बदलाव शामिल हैं। यह विकास न केवल श्रमिकों के लिए, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

महंगाई दर में गिरावट का क्या कारण है?
महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की अधिक पैदावार और उनके पर्याप्त बफर स्टॉक है।
कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक क्या दर्शाता है?
कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक उनके जीवन स्तर और खरीदी की शक्ति का माप है।
क्या यह राहत स्थायी होगी?
यह कहना मुश्किल है, लेकिन वर्तमान में सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।