क्या पुणे का आईटी निर्यात पांच वर्षों में दोगुना होकर 1.05 लाख करोड़ रुपए हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- पुणे का आईटी निर्यात पिछले पांच वर्षों में दोगुना हुआ।
- ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- आईटी सेक्टर 23 प्रतिशत जीडीपी में योगदान देता है।
- 4 लाख नए कर्मचारियों की उम्मीद है।
- 97 प्रतिशत ऑफिस सप्लाई ग्रीन-सर्टिफाइड होंगी।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे का आईटी निर्यात पिछले पांच वर्षों में दोगुना होकर भारत के इस शहर ने सप्लाई पाइपलाइन में देश के 'ग्रेड ए' ऑफिस स्टॉक में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है।
रियल एस्टेट सर्विस फर्म जेएलएल और एनएआरईडीसीओ की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे का रियल एस्टेट मार्केट एक कमर्शियल रियल एस्टेट हॉटस्पॉट बन गया है, क्योंकि यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट हब बनकर उभरा है, जिसमें पिछले पांच वर्षों में आईटी निर्यात बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
सप्लाई पाइपलाइन में शहर का 'ग्रेड ए' ऑफिस स्टॉक कुल 223 मिलियन वर्ग फुट है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी सेक्टर पुणे के सकल घरेलू उत्पाद में 23 प्रतिशत का योगदान देता है।
शहर में वर्तमान में 89.2 मिलियन वर्ग फुट ऑपरेशनल ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक मौजूद हैं। इसके अलावा, पुणे बीएफएसआई, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में 360 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) का घर है, जो इसके मजबूत और डायवर्सिफाइड इकोसिस्टम को बेहतर बनाता है।
ग्रेड ए ऑफिस स्पेस का किराया औसतन 82.3 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह है, जो राष्ट्रीय औसत से 14 प्रतिशत कम है।
जेएलएल इंडिया में पुणे के सीनियर मैनेजिंग डायरेक्टर, लॉजिस्टिक्स एंड इंडस्ट्रियल- एग्जीक्यूटिव ओवरसाइट के संजय बजाज ने कहा, "कीमतों के अलावा, कम ट्रैफिक और बेहतर कनेक्टिविटी, अपने रियल एस्टेट पोर्टफोलियो को अनुकूलित करने वाले उद्यमों के लिए एक यूनिक मूल्य प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं।"
संजय ने आगे कहा, "पुणे में इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, जनसांख्यिकीय लाभ और आर्थिक विविधीकरण मिलकर सस्टेनेबल महानगरीय समृद्धि का ब्लूप्रिंट तैयार करते हैं।"
अगले पांच वर्षों में 4 लाख नए कर्मचारियों के जुड़ने का अनुमान है, जो रेजिडेंशियल रियल स्टेट मार्केट को बढ़ाएंगे।
जेएलएल इंडिया के चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च एंड आरईआईएस हेड डॉ. सामंतक दास ने कहा, "रोड नेटवर्क और मेट्रो कनेक्टिविटी इस आकर्षण को बढ़ाएंगे, जो रेजिडेंशियल, कमर्शियल और औद्योगिक क्षेत्रों को निर्बाध रूप से जोड़ेंगे।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के अनुरूप अगले तीन वर्षों में जारी होने वाली लगभग 97 प्रतिशत ऑफिस सप्लाई ग्रीन-सर्टिफाइड होंगी।