क्या वैश्विक अनिश्चितता से सोने की कीमत 1.10 लाख रुपए के पार पहुंच गई?

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क्या वैश्विक अनिश्चितता से सोने की कीमत 1.10 लाख रुपए के पार पहुंच गई?

सारांश

सोने की कीमतें वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी फेड की संभावित ब्याज दरों में कटौती के कारण बढ़ रही हैं। यह स्थिति निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जिससे वे सुरक्षित निवेश के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। जानिए इस स्थिति का बाजार पर क्या असर पड़ रहा है।

Key Takeaways

  • सोने की कीमतें 1,10,000 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई हैं।
  • अमेरिकी फेड की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है।
  • चांदी की कीमत भी तेजी से बढ़ रही है।
  • गोल्ड ETF में बढ़ते निवेश का संकेत है।
  • मुद्रास्फीति का प्रभाव सोने की कीमत पर पड़ा है।

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोने की कीमतें मंगलवार को रिकॉर्ड 1,10,000 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार निकल गई हैं। इसका मुख्य कारण वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बताई जा रही हैं।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का दाम बढ़कर 1,10,180 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,679 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है, जो पहले 3,685 डॉलर प्रति औंस थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फेड की बैठक, जिसके नतीजे 17 सितंबर को घोषित होंगे, में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। साथ ही, डॉलर भी कमजोर हो रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की कीमतों को समर्थन मिल रहा है।

भारत के अधिकांश घरेलू बाजारों में 24 कैरेट सोने की कीमत 1.10 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार बनी हुई है।

24 कैरेट सोने की कीमत दिल्ली में 1,10,260 रुपए, मुंबई में 1,10,450 रुपए, कोलकाता में 1,10,310 रुपए और चेन्नई में 1,10,770 रुपए प्रति 10 ग्राम है।

चांदी की कीमतों में भी तेजी बनी हुई है। एमसीएक्स पर चांदी की कीमत 1,29,600 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।

विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा तेजी का संबंध इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा की बढ़ती औद्योगिक मांग से है। बाजार की भविष्यवाणियों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की 96.4 प्रतिशत संभावना है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में अगस्त 2025 में 23.3 करोड़ डॉलर का शुद्ध निवेश हुआ, जो जुलाई में दर्ज 13.9 करोड़ डॉलर से 67 प्रतिशत अधिक है।

हाल के मुद्रास्फीति आंकड़ों के अनुसार, सोना एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है, जिसने मुख्य मुद्रास्फीति को उच्च बनाए रखा है, जिसमें सालाना आधार पर 40 प्रतिशत की कीमत वृद्धि ने महंगाई दर को करीब 43 आधार अंक बढ़ाया है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि वर्तमान में सोने की बढ़ती कीमतें वैश्विक बाजार की अनिश्चितता का संकेत हैं। हमें यह समझना होगा कि ऐसे समय में सुरक्षित निवेश के विकल्पों की तलाश करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

सोने की कीमत क्यों बढ़ रही है?
सोने की कीमत वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में संभावित कटौती के कारण बढ़ रही है।
क्या चांदी की कीमत भी बढ़ रही है?
हाँ, चांदी की कीमत भी बढ़ रही है, वर्तमान में यह 1,29,600 रुपए प्रति किलो पर है।
भारत में गोल्ड ETF में निवेश कैसा है?
अगस्त 2025 में भारत में गोल्ड ETF में 23.3 करोड़ डॉलर का शुद्ध निवेश हुआ, जो जुलाई के मुकाबले 67 प्रतिशत अधिक है।
मुद्रास्फीति का सोने की कीमतों पर क्या असर है?
हाल के मुद्रास्फीति आंकड़ों के अनुसार, सोना एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है, जिसने महंगाई दर को बढ़ाया है।
अमेरिकी फेड की बैठक का सोने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
अमेरिकी फेड की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं हैं, जिससे सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है।