क्या एस जयशंकर ने टीएएसआई फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में एआई में नैतिकता का ध्यान रखने की बात की?

सारांश
Key Takeaways
- एआई के विकास में नैतिकता का ध्यान रखना आवश्यक है।
- वैश्विक सहयोग से एआई के लाभों का सही उपयोग किया जा सकता है।
- सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए टीएएसआई फेस्टिवल एक महत्वपूर्ण मंच है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दो दिवसीय ट्रस्ट और सेफ्टी इंडिया फेस्टिवल (टीएएसआई) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के विकास और इसके उपयोग के महत्व पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि एआई के फायदे और जोखिम दोनों हैं, इसलिए हमें इसके विकास और उपयोग में संतुलन बनाना आवश्यक है।
विदेश मंत्री ने कहा, "एआई हमारी अर्थव्यवस्था, कामकाज, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और जीवनशैली में परिवर्तन लाएगा। यह परिवर्तन हर क्षेत्र में होगा और इसका प्रभाव हर नागरिक पर पड़ेगा। नए अवसर और चुनौतियाँ हमारे सामने होंगी, और इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए। भारत जैसे देशों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और एआई के विकास और उपयोग में सुरक्षा और नैतिकता का ध्यान रखना चाहिए।"
उन्होंने वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि हम एआई के लाभों का लाभ उठा सकें और इसके खतरों से बच सकें। टीएएसआई फेस्टिवल ऐसा मंच है जहाँ हम एआई से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं और एक साझा दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "जैसे-जैसे एआई के साथ मनुष्य का सामंजस्य बढ़ता है, इसके साथ खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। एआई के विकास और उपयोग में हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसका लाभ उठाएँ और खतरों से बचें। हमें एक-दूसरे के अनुभवों से सीखकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करना होगा।"
फेस्टिवल के आयोजकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमें एआई के विकास और उपयोग में एक साझा दृष्टिकोण बनाने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि विदेश यात्रा के दौरान एआई अक्सर बातचीत का विषय बनता है।
विदेश मंत्री ने एआई के जोखिमों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि हमें एक गंभीर और संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। एआई के प्रति नैतिकता और निजता से जुड़ी चिंताएँ वाजिब हैं।