क्या ट्रेडर्स को उतार-चढ़ाव और रेंज-बाउंड-से बियरिश पीरियड के लिए तैयार रहना चाहिए?

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क्या ट्रेडर्स को उतार-चढ़ाव और रेंज-बाउंड-से बियरिश पीरियड के लिए तैयार रहना चाहिए?

सारांश

विश्लेषकों का कहना है कि व्यापारियों को निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव और रेंज-बाउंड से बियरिश पीरियड के लिए तैयार रहना चाहिए। जानिए क्या हो रहा है बाजार में और किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।

Key Takeaways

  • व्यापारियों को सतर्क रहना चाहिए।
  • निफ्टी में गिरावट का संकेत है।
  • रोलओवर डेटा मार्केट की दिशा को दर्शाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय कारक भी प्रभावी हैं।
  • सावधानी बरतना आवश्यक है।

मुंबई, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विश्लेषकों का कहना है कि एफएंडओ रोलओवर डेटा के आधार पर, व्यापारियों को निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव और रेंज-बाउंड-से बियरिश पीरियड के लिए तैयार रहना चाहिए।

जुलाई में कमजोर एक्सपायरी के बाद, अगस्त में समाप्त होने वाले फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स में कम रुचि देखी गई है, इस दौरान एफपीआई शॉर्ट पोजीशन 137,660 कॉन्ट्रैक्ट तक पहुँच गई है।

पिछले 30 दिनों में निफ्टी में 3.31 प्रतिशत की गिरावट आई है। डेरिवेटिव रोलओवर जून के 79.54 प्रतिशत से जुलाई में घटकर 75.71 प्रतिशत रह गया है और रोलओवर लागत भी कम रही है, जो दर्शाता है कि निवेशक 'वेट एंड वॉच' की रणनीति अपना रहे हैं।

विश्लेषकों के अनुसार, हालांकि निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट (ओआई) जुलाई के 1.62 करोड़ शेयरों से बढ़कर अगस्त में 1.64 करोड़ शेयर हो गया है, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव संतुलित रहा है, जो लॉन्ग या शॉर्ट पोजीशन में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं होने का संकेत देता है।

दोनों तरफ से कोई विशेष बढ़त न होना निवेशकों के सतर्क रुख का संकेत देता है।

विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी सूचकांक ने दैनिक और साप्ताहिक समय-सीमाओं पर एक बियरिश कैंडल बनाई है और पिछले चार हफ्तों से निचले स्तरों पर बना हुआ है।

इंडेक्स रोजाना अपने 50-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से नीचे जा रहा है, जो कमजोरी का संकेत है। यदि यह 24,600 के स्तर से नीचे रहता है, तो 24,442 और 24,250 के स्तर की ओर कमजोरी देखी जा सकती है और बाधाएं 24800 और 24950 के स्तर तक नीचे जा सकती हैं।

व्यापारिक तनाव और वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताओं के बावजूद, जुलाई के अंत में विक्स 12.59 से गिरकर 11.54 पर आ गया और महीने के अधिकांश समय सीमित दायरे में रहा।

पिछले हफ्ते, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के लिए यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए 10-12 दिन की समयसीमा तय की थी। यदि यह समयसीमा पूरी नहीं होती है, तो रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर और प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जिससे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

भारत रूसी तेल का एक बड़ा खरीदार है, और यदि अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगाता है, तो निर्यात प्रभावित हो सकता है, जिससे भारत में डॉलर का प्रवाह कम हो सकता है, जिसका असर रुपए पर पड़ेगा। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतें अभी भी कम हैं, लेकिन विश्लेषकों ने आगे कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की चेतावनी दी है।

Point of View

हमें हमेशा बाजार के उतार-चढ़ाव की गहराई से समझनी चाहिए। वर्तमान में, व्यापारियों के लिए सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

एफएंडओ रोलओवर डेटा क्या है?
एफएंडओ रोलओवर डेटा से तात्पर्य है कि फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स का मौजूदा अवधि से अगले अवधि में स्थानांतरण।
निफ्टी में गिरावट का क्या कारण है?
निफ्टी में गिरावट का मुख्य कारण व्यापारियों का सतर्क रुख और बाजार में अनिश्चितता है।
व्यापारियों को क्या करना चाहिए?
व्यापारियों को 'वेट एंड वॉच' की रणनीति अपनानी चाहिए और बाजार के संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।