क्या अभिनव बिंद्रा 2026 शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक बने?

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क्या अभिनव बिंद्रा 2026 शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक बने?

सारांश

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा को 2026 शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक चुना गया है। यह उनके लिए एक गर्व का क्षण है। जानें इसके पीछे की कहानी और ओलंपिक मशाल का महत्व।

Key Takeaways

  • अभिनव बिंद्रा को 2026 शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक चुना गया है।
  • यह खेलों में भारत का गौरव बढ़ाने वाला क्षण है।
  • ओलंपिक मशाल का महत्व खेलों के एकता का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को 2026 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए मशालवाहक के रूप में चुना गया है। यह शीतकालीन ओलंपिक 6 से 22 फरवरी 2026 तक इटली के मिलान और कॉर्टिना डी'अम्पेजो में आयोजित किए जाएंगे।

अभिनव बिंद्रा, जिन्होंने 2008 में बीजिंग में हुए ओलंपिक में शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया था, का मशालवाहक चुना जाना उनके लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मिलानो कॉर्टिना 2026 ओलंपिक मशाल रिले के लिए मशालवाहक चुने जाने पर मैं सचमुच बहुत आभारी हूं। ओलंपिक मशाल का मेरे दिल में हमेशा एक खास स्थान रहा है। यह सपनों, दृढ़ता और खेल द्वारा हमारी दुनिया में लाई गई एकता का प्रतीक है। इसे एक बार फिर से अपने साथ ले जाना एक सम्मान है और यह खेलों की संभावनाओं की एक खूबसूरत याद भी दिलाता है। इस अविश्वसनीय सम्मान के लिए धन्यवाद, मिलानो कॉर्टिना 2026।"

मिलानो कॉर्टिना 2026 शीतकालीन ओलंपिक, इटली में चौथी बार शीतकालीन खेलों की मेजबानी करेगा, जिसमें मिलान और कॉर्टिना डी'अम्पेजो दोनों स्थानों पर आयोजन होगा। इस संस्करण में 16 खेलों में 116 पदक स्पर्धाएं होंगी, जो बीजिंग 2022 खेलों की तुलना में अधिक हैं।

हर ओलंपिक खेल की एक विशिष्ट पहचान होती है, और ओलंपिक मशाल रिले ओलंपिक आंदोलन की चिरस्थायी भावना और आदर्शों का प्रतीक है। इस वैश्विक परंपरा के हिस्से के रूप में, बिंद्रा उन विशिष्ट एथलीटों और हस्तियों में शामिल होंगे जो उद्घाटन समारोह तक मशाल ले जाएंगे। इस रिले का उद्देश्य इटली के समुदायों को एकजुट करना, मित्रता और उत्कृष्टता के ओलंपिक लोकाचार का जश्न मनाना और आगामी खेलों के लिए उत्सुकता का निर्माण करना है।

Point of View

यह कहना उचित है कि अभिनव बिंद्रा का मशालवाहक चुना जाना न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को मान्यता देता है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का पल है। यह ओलंपिक खेलों की महत्ता और भारत की खेल संस्कृति को भी उजागर करता है।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

अभिनव बिंद्रा को कब और क्यों मशालवाहक चुना गया?
अभिनव बिंद्रा को 2026 शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक चुना गया है, जो 6 से 22 फरवरी 2026 तक इटली में आयोजित होंगे।
शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन कहाँ होगा?
शीतकालीन ओलंपिक इटली के मिलान और कॉर्टिना डी'अम्पेजो में आयोजित होंगे।
मशाल रिले का क्या महत्व है?
मशाल रिले ओलंपिक आंदोलन की भावना और आदर्शों का प्रतीक है, जो समुदायों को एकजुट करता है।