क्या अनिल कुमार मान भारतीय कुश्ती के सच्चे दूत, एथलीट और गुरु के रूप में सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं?

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क्या अनिल कुमार मान भारतीय कुश्ती के सच्चे दूत, एथलीट और गुरु के रूप में सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं?

Key Takeaways

  • अनिल कुमार मान का जन्म 1980 में हुआ।
  • उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीता।
  • वह कोचिंग में सक्रिय हैं और कई पहलवानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
  • उनके शिष्य ओलंपिक में पदक जीत चुके हैं।
  • वह भारतीय कुश्ती के सच्चे दूत हैं।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस समय भारतीय कुश्ती का दुनिया में दबदबा बना हुआ है। कॉमनवेल्थ खेलों के बाद, ओलंपिक में भी भारतीय पुरुष और महिला पहलवान अपनी ताकत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी को चौंका रहे हैं। अनिल कुमार मान ऐसे ही एक पहलवान हैं। एक खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाने के बाद, अब वह ऐसे पहलवानों को तैयार कर रहे हैं जो ओलंपिक में देश के लिए पदक जीत रहे हैं।

अनिल कुमार मान का जन्म 11 दिसंबर, 1980 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के प्रहलादपुर में हुआ। एक साधारण परिवार में पले-बढ़े मान का कुश्ती में सफर बचपन से ही शुरू हो गया था। कुश्ती के गढ़ माने जाने वाले हरियाणा में उन्होंने अपनी यात्रा प्रारंभ की, जहां उन्हें स्थानीय गुरु से ट्रेनिंग मिली। ये गुरु अनुशासन, ताकत और रणनीति पर जोर देते थे। मान ने फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन दोनों विधियों में खुद को प्रशिक्षित किया।

जिला स्तर की प्रतियोगिताओं से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के बाद, मान ने 2002 में यूनाइटेड किंगडम के मैनचेस्टर में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में बड़ी सफलता हासिल की। उन्होंने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 96 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता, जिसने उन्हें चर्चा का विषय बना दिया। 2005 में, राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप और एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में, उन्होंने 96 किलोग्राम वर्ग में फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीते। वह दोनों श्रेणियों में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने। मान की यह सफलता ईरान और रूस जैसे देशों के पहलवानों के दबदबे को चुनौती दी।

2010 में कुश्ती से संन्यास लेने के बाद, अनिल कुमार मान कोचिंग में सक्रिय हैं। वह शीर्ष कोचों में शामिल हैं। टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में रजत और कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान रोहित दहिया और बजरंग पुनिया उनके शिष्य रह चुके हैं।

एक खिलाड़ी के रूप में देश का नाम रोशन करने के बाद, अनिल कुमार मान अब ऐसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं जो भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा कर रहे हैं और कुश्ती की सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं। अनिल कुमार मान पहलवानी के वास्तविक दूत हैं। वह अभी केवल 45 वर्ष के हैं। आने वाले समय में, उनके द्वारा प्रशिक्षित और भी पहलवान देश का नाम गर्व से ऊंचा करेंगे।

Point of View

बल्कि यह भारतीय कुश्ती की समग्र सफलता में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

अनिल कुमार मान का जन्म कब हुआ था?
अनिल कुमार मान का जन्म 11 दिसंबर, 1980 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुआ था।
अनिल कुमार मान ने किस प्रतियोगिता में पदक जीता?
उन्होंने 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुषों की फ्रीस्टाइल 96 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता।
अनिल कुमार मान का कोचिंग में योगदान क्या है?
वह टोक्यो ओलंपिक में रजत और कांस्य पदक जीतने वाले पहलवानों के कोच रहे हैं।
अनिल कुमार मान की विशेषताएँ क्या हैं?
वह कुश्ती में अनुशासन, ताकत और रणनीति की महत्वपूर्णता पर जोर देते हैं।
अनिल कुमार मान कब कुश्ती से संन्यास लिया?
उन्होंने 2010 में कुश्ती से संन्यास लिया।
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