क्या अंशुमान गायकवाड़ ने विरासत में बल्लेबाजी के रहस्य सीखे और 'द ग्रेट वॉल' बन गए?

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क्या अंशुमान गायकवाड़ ने विरासत में बल्लेबाजी के रहस्य सीखे और 'द ग्रेट वॉल' बन गए?

सारांश

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का साहसी खेल और विरासत की कहानी। पिता के कदमों पर चलते हुए, उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और 'द ग्रेट वॉल' के रूप में जाने गए। उनकी संघर्ष और धैर्य की कहानी जानें।

Key Takeaways

  • अंशुमान गायकवाड़ का क्रिकेट करियर प्रेरणादायक है।
  • उनकी तकनीकी मजबूती ने उन्हें 'द ग्रेट वॉल' बना दिया।
  • पिता की विरासत ने उनके करियर को दिशा दी।
  • कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने वापसी की।
  • गायकवाड़ ने कोचिंग में भी सफलता पाई।

नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ को उनके साहसी खेल के लिए जाना जाता है। क्रिकेट उनके खून में था, क्योंकि उनके पिता दत्ताजीराव कृष्णराव गायकवाड़ भारतीय टीम के कप्तान रह चुके थे। पिता के मार्गदर्शन में अंशुमान ने इस खेल को अपनाया।

दत्ताजीराव ने 1952 से 1961 के बीच भारत के लिए 11 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 18.42 की औसत से 350 रन बनाए। इसके अलावा, 110 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके बल्ले से 36.40 की औसत के साथ 5,788 रन निकले।

23 सितंबर 1952 को बॉम्बे में जन्मे अंशुमान ने 1969/70 में फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की। शानदार प्रदर्शन के बाद, उन्हें दिसंबर 1974 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने का मौका मिला।

मजबूत डिफेंसिव तकनीक के कारण अंशुमान को 'द ग्रेट वॉल' के नाम से जाना जाता था। धैर्य, तकनीकी मजबूती और साहस ने उनकी बल्लेबाजी को अद्वितीय बना दिया। तेज गेंदबाजों के सामने अंशुमान डटकर खड़े रहते थे, चोटों के बावजूद। उनका संघर्षपूर्ण रवैया उन्हें टीम का भरोसेमंद खिलाड़ी बनाता था।

1970 के दशक में सुनील गावस्कर के साथ उनकी जोड़ी बेहद प्रसिद्ध थी। 1975-76 में भारत के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने वेस्टइंडीज की खतरनाक गेंदबाजी के खिलाफ बल्लेबाजी से इनकार कर दिया था, लेकिन गायकवाड़ ने उस दौर के सबसे तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग का सामना करते हुए गावस्कर के साथ पहले विकेट के लिए 136 रन जोड़े।

गायकवाड़ 81 रन बना चुके थे जब उन्हें सिर में चोट लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। टीम इंडिया इस मुकाबले को 10 विकेट से हार गई। वेस्टइंडीज ने चार मुकाबलों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की।

गायकवाड़ अगले दो दिन आईसीयू में रहे, जहां कई सर्जरी हुईं, लेकिन इलाज के बावजूद बाएं कान से सुनने की क्षमता कम हो गई।

ऐसा लग रहा था कि उनका टेस्ट करियर खत्म हो जाएगा, लेकिन उन्होंने सात महीनों में टीम में वापसी की। वापसी के बाद, उन्होंने छह टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज के गेंदबाजों का सामना किया।

सितंबर 1983 में जालंधर में पाकिस्तान के खिलाफ गायकवाड़ ने 436 गेंदों में 201 रन बनाए। भारतीय टीम इस पारी में केवल 374 रन बना सकी, जो गायकवाड़ की पारी की अहमियत को दर्शाता है। भारत इस मुकाबले और पूरी सीरीज को ड्रॉ करवाने में सफल रहा।

अंशुमान गायकवाड़ ने अपने टेस्ट करियर में 40 मैच खेले, जिसमें 30.07 की औसत से 1,985 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 10 अर्धशतक लगाए। वहीं, 15 वनडे मैचों में उन्होंने 269 रन प्राप्त किए।

उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में 206 मैच खेले, जिसमें 41.56 की औसत से 12,136 रन बनाए। इसमें 34 शतक और 47 अर्धशतक शामिल हैं। 55 लिस्ट-ए मैचों में गायकवाड़ ने 1,601 रन बनाए।

संन्यास के बाद, अंशुमान गायकवाड़ 1992 से 1996 तक भारतीय टीम के नेशनल सेलेक्टर रहे और दो बार भारतीय टीम के कोच भी बने। उनकी कोचिंग में ही सचिन तेंदुलकर ने शारजाह में तूफानी शतक बनाया और अनिल कुंबले ने एक पारी में 10 विकेट अपने नाम किए।

2018 में अंशुमान गायकवाड़ को बीसीसीआई ने सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। 31 जुलाई 2024 को इस दिग्गज क्रिकेटर ने दुनिया को अलविदा कहा।

Point of View

उन्होंने अपनी विरासत और संघर्ष के माध्यम से भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दिखाई है। उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि कैसे कठिनाइयों का सामना करके भी आगे बढ़ा जा सकता है। यह इस देश की क्रिकेट संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

अंशुमान गायकवाड़ का जन्म कब हुआ था?
उनका जन्म 23 सितंबर 1952 को बॉम्बे में हुआ था।
गायकवाड़ को 'द ग्रेट वॉल' क्यों कहा जाता है?
उनकी मजबूत डिफेंसिव तकनीक और साहस के कारण उन्हें 'द ग्रेट वॉल' कहा जाता है।
अंशुमान गायकवाड़ ने अपने टेस्ट करियर में कितने रन बनाए?
उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 1,985 रन बनाए।
गायकवाड़ ने किस वर्ष में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त किया?
उन्होंने 2018 में इस पुरस्कार को प्राप्त किया।
क्या गायकवाड़ ने कोचिंग भी की है?
जी हां, उन्होंने भारतीय टीम के कोच के रूप में भी कार्य किया।