क्या 'प्लेयर ऑफ द मैच' अर्शदीप ने साबित की अपनी उपयोगिता, पिछले 2 मैचों में नहीं मिला था मौका?
सारांश
Key Takeaways
- अर्शदीप सिंह ने तीसरे टी20 में 3 विकेट लिए।
- गौतम गंभीर का निर्णय विवादास्पद रहा।
- अर्शदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना टीम के लिए फायदेमंद है।
- अर्शदीप का प्रदर्शन भारत की जीत का मुख्य कारण बना।
- वे टी20 में भारत के सबसे सफल गेंदबाज हैं।
नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। होबार्ट में रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए तीसरे मैच में भारतीय टीम ने शानदार जीत दर्ज की। इस जीत में अर्शदीप सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अर्शदीप को पिछले दो मैचों में प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया था, लेकिन तीसरे टी20 में उन्हें मौका मिलते ही उन्होंने अपनी क्षमता को साबित कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टी20 मैचों की सीरीज के शुरुआती दो मैचों में हेड कोच गौतम गंभीर ने बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की जगह दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हर्षित राणा को प्राथमिकता दी थी। राणा की बल्लेबाजी दक्षता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। इस निर्णय की आलोचना भी हुई। पहले मैच में बारिश के चलते खेल नहीं हो सका, लेकिन दूसरे टी20 में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में राणा ने रन बनाए, लेकिन उनकी गेंदबाजी काफी निराशाजनक रही।
तीसरे टी20 में गौतम गंभीर ने राणा के स्थान पर अर्शदीप सिंह को मौका दिया। अर्शदीप ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और शानदार गेंदबाजी करते हुए न केवल भारत को जीत दिलाई, बल्कि मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब भी हासिल किया।
अर्शदीप ने भारत की तरफ से गेंदबाजी की शुरुआत की और अपने 4 ओवर में 35 रन देकर 3 विकेट लिए। उन्होंने ट्रेविस हेड, जोश इंग्लिस और मार्क्स स्टॉयनिस के महत्वपूर्ण विकेट लिए। 14 रन पर ऑस्ट्रेलिया को 2 झटके देकर अर्शदीप ने टीम को बेहतरीन शुरुआत दिलाई, जो बाद में जीत की कुंजी बनी।
अर्शदीप ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखना टीम के हित में नहीं है।
यह बाएं हाथ का गेंदबाज टी20 फॉर्मेट में भारत का सबसे सफल गेंदबाज है। अर्शदीप ने 66 मैचों में 104 विकेट लिए हैं।