क्या अर्श के हौसलों का दीप इंग्लैंड में जलने के लिए पूरी तरह से तैयार है?

सारांश
Key Takeaways
- अर्शदीप सिंह इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के लिए तैयार हैं।
- उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मोड़ पर ला दिया है।
- कोच जसवंत राय का मानना है कि यह सही समय है उनके डेब्यू का।
- उन्होंने काउंटी क्रिकेट में खेलकर अनुभव प्राप्त किया है।
- भारतीय क्रिकेट का भविष्य अर्शदीप जैसे युवा खिलाड़ियों पर निर्भर है।
नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। युवा भारतीय टीम का सबसे बड़ा और पहला टेस्ट 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट से होने जा रहा है। इस युवा टेस्ट टीम में पहली बार चुने गए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर जसप्रीत बुमराह के कार्य प्रबंधन को देखते हुए अधिक जिम्मेदारी हो सकती है लेकिन इस जिम्मेदारी के लिए उन्होंने पिछले दो साल से कड़ी मेहनत की थी और उनके कोच जसवंत राय को लगता है कि अब उसे अमलीजामा पहनाने का समय आ गया है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत के दौरान राय ने कहा, "अर्शदीप जब अंडर-19 विश्व कप जीते थे, तब टीम के कोच राहुल द्रविड़ थे। राहुल जानते थे कि अर्शदीप में आगे आने वाले समय में लाल गेंद क्रिकेट में भी लंबा खेलने की क्षमता है। इसके बाद जब अर्शदीप सिंह सफेद गेंद क्रिकेट खेले तो राहुल तब टीम इंडिया के कोच थे और उन्होंने अर्शदीप की तरक्की को करीब से देखा था। तब ही द्रविड़ ने उनसे अब टेस्ट क्रिकेट की तैयारी करने को कहा था। राहुल ने ही 2023 में उनको केंट से काउंटी क्रिकेट खिलाने में मदद की, जहां उन्होंने काफी अच्छी इकॉनमी से बेहतरीन गेंदबाजी की।"
अर्शदीप के पास केवल 21 प्रथम श्रेणी मैचों का अनुभव है, जहां उनके नाम 30.37 की औसत से 66 विकेट हैं और इस दौरान उन्होंने दो बार पंजा भी निकाला है। पिछले सीजन भी टीम इंडिया के साथ अधिक समय बिताने की वजह से वह केवल पांच प्रथम श्रेणी मैच खेल पाए, जिसमें दो रणजी ट्रॉफी और तीन दलीप ट्रॉफी मैच शामिल थे। अर्शदीप ने दलीप ट्रॉफी में तीन मैचों में 21 की औसत से कुल 13 विकेट चटकाए। वहीं दो रणजी ट्रॉफी मुकाबलों में उन्होंने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के खिलाफ 2-2 विकेट चटकाए।
राय ने कहा, "उसका चयन एकदम सही समय हुआ है। उसे इंग्लैंड में टेस्ट डेब्यू करना चाहिए। वह पिछले एक साल से लाल गेंद क्रिकेट में काफी मेहनत कर रहा है। केंट के लिए खेलकर उसमें लाल गेंद क्रिकेट में गेंद करने का आत्मविश्वास आया है। पिछले सीजन भी वह पंजाब के लिए कुछ मैच खेला क्योंकि अधिकतर समय वह भारतीय टीम के साथ सफेद गेंद क्रिकेट खेला था।"
राय ने आगे कहा, "वह पिछले एक साल से रोज लाल गेंद क्रिकेट से अभ्यास करने लगा था। सफेद गेंद क्रिकेट में आपको एक ओवर में छह अलग-अलग जगहों पर गेंद डालनी होती है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपको लंबे समय तक एक ही जगह पर गेंद करनी होती है। टी20 में चार ओवर की गेंदबाजी होती है लेकिन टेस्ट में लंबे स्पेल करने होते हैं और वह इन्हीं लंबी स्पेल को डालने का प्रयास कर रहा था। उसके पास पहले से ही 140 किमी प्रति घंटा की गति है, लेकिन उसने फिर दोनों ओर गेंद को स्विंग कराने पर काम किया और आज वह इसमें पूरी तरह से सफल हो रहा है।"
जुलाई 2022 में भारत के लिए टी20 में डेब्यू के बाद से ही अर्शदीप ने नई गेंद से काफ़ी प्रभावित किया है, साथ ही उन्होंने देश के लिए और आईपीएल में डेथ ओवरों में भी खुद को साबित किया है। वह इंग्लैंड की सीम और स्विंग वाली परिस्थितियों में खुद को तैयार करने के लिए इंग्लैंड गए थे, जहां पर उन्होंने काउंटी चैंपियनशिप की डिवीजन 1 में केंट के लिए पांच मैच खेले थे। राय को लगता है कि चूंकि अर्शदीप का डेब्यू भी इंग्लैंड में हुआ था और केंट के साथ बिताए गए समय का उन्हें जरूर फायदा मिलेगा।
राय ने कहा, "जब वह केंट के साथ रहा, तो उसने वहां पर काफी लंबे स्पेल डाले थे और उसकी लेंथ गेंद भी काफी प्रभावी दिखी थी। उसने जाना कि अगर वह लंबे स्पेल में गुड लेंथ डालता है तो बल्लेबाजों के लिए उस पर रन बनाना आसान नहीं होगा। इससे पहले वह यॉर्कर पर अधिक निर्भर रहता था।"
अर्शदीप 2018 में अंडर-19 विश्व कप खेले। लेकिन केवल इसी वर्ष ने उनकी जिंदगी को बदलकर रख दिया था। इसके पहले साल वह पंजाब की जिला स्तरीय अंडर-19 टीम में भी जगह बनाने में संघर्ष कर रहे थे। लेकिन पिता से मांगी एक साल की मोहलत ने उन्हें कनाडा जाने से रोक दिया।
राय ने कहा, "वह साल उसके लिए काफी अहम था। हमारे पास अगला सीजन शुरू होने में छह महीने का समय था और अंडर-19 में खेलने के लिए यह उनके पास आखिरी साल था। उसके पिता ने उससे कहा था कि अगर कुछ नहीं हो रहा तो इसको अपने भाई के पास कनाडा भेज देते हैं। तब अर्शदीप ने उनसे एक साल की मोहलत मांगी थी और वह साल उसके लिए बेहद अहम साबित हो गया।"
इतिहास गवाह रहा है कि इंग्लैंड की सीम और स्विंग वाली परिस्थितियों में भारत के प्रवीण कुमार, आरपी सिंह, भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज सफल साबित हुए हैं। अब बारी अर्शदीप की है और उन्हें पूरा आत्मविश्वास देने के लिए उनके राज्य के ही साथी शुभमन गिल कप्तान हैं, तो सफेद गेंद में उनके गेंदबाजी साथी सीनियर बुमराह हैं। तो अर्श के हौसलों का दीप इंग्लैंड में जलने के लिए पूरी तरह से तैयार है।