क्या लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन बेन स्टोक्स की चोट इंग्लैंड के लिए चिंता का विषय है?

सारांश
Key Takeaways
- बेन स्टोक्स की चोट ने इंग्लैंड की चिंता बढ़ा दी है।
- जो रूट ने 99 रन बनाकर अच्छा प्रदर्शन किया।
- इंग्लैंड ने पहले दिन 251 रन बनाए।
- टीम का धैर्य और समझदारी से खेलना महत्वपूर्ण है।
- स्टोक्स की वापसी की उम्मीद है।
लंदन, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन ग्रोइन (जांघ) में चोट का सामना करना पड़ा। उन्होंने मैदान पर लंगड़ाते हुए प्रदर्शन किया, लेकिन इसके बावजूद नाबाद 39 रन बनाकर दिन के खेल खत्म होने तक बने रहे।
इंग्लैंड के उपकप्तान ओली पोप को उम्मीद है कि स्टोक्स जल्द ही ठीक हो जाएंगे क्योंकि यह टेस्ट मैच बहुत महत्वपूर्ण है और दोनों टीमें सीरीज में 1-1 की बराबरी पर हैं।
पोप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम प्रार्थना कर रहे हैं कि वह जल्दी से ठीक हों और फिर से खेल सकें। अगले चार दिन हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, और उसके बाद भी दो महत्वपूर्ण टेस्ट मैच आने वाले हैं, इसलिए स्टोक्स का टीम में रहना आवश्यक है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरी जिम्मेदारी है कि मैं सुनिश्चित करूं कि वह खुद को ज्यादा तकलीफ न दें। टीम के फिजियो और डॉक्टर उनके लिए एक योजना बनाएंगे, और मैं भी उन्हें सही दिशा में ले जाने में मदद करूंगा।"
गौरतलब है कि बेन स्टोक्स इस सीरीज में अब तक बल्लेबाजी में संघर्ष करते नजर आए हैं। लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में उनका यह सीरीज का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। हालाँकि उनकी गेंदबाजी ठीक रही है, लेकिन मौजूदा चोट से एक बार फिर स्टोक्स की ऑलराउंड क्षमता प्रभावित हो सकती है।
वहीं, तीसरे टेस्ट के पहले दिन जो रूट ने मुश्किल हालात में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 99 रन बनाए और वह क्रीज पर बने हुए हैं। इंग्लैंड ने पहले दिन 83 ओवर में 4 विकेट खोकर 251 रन बना लिए। भारत के गेंदबाजों ने कड़ा मुकाबला किया, लेकिन इंग्लैंड ने धैर्य और समझदारी के साथ बल्लेबाजी की।
पोप ने स्वयं 104 गेंदों में 44 रन बनाए। उन्होंने कहा, "हम आमतौर पर तेज और आक्रामक तरीके से खेलते हैं, लेकिन आज हमने हालात के अनुसार खेलने का निर्णय लिया।"
उन्होंने आगे कहा, "251 रन एक अच्छी शुरुआत है। हमें उम्मीद है कि हम इस स्कोर को 400 या 500 तक ले जा पाएंगे। पिच थोड़ी मुश्किल थी और भारत ने भी अच्छी गेंदबाजी की, इसलिए हम पहले दिन की स्थिति से संतुष्ट हैं। हम हमेशा यह सीखने की कोशिश करते हैं कि कब आक्रामक होना है और कब दबाव को झेलना है। आज हमने उसी का अभ्यास किया।