क्या ओलंपिक की मेजबानी करना हमारे लिए एक उपलब्धि होगी? पीटी उषा

सारांश
Key Takeaways
- विजन 2036 भारत को ओलंपिक की मेज़बानी की ओर अग्रसर कर रहा है।
- खेलों में महिलाओं और युवा एथलीटों के लिए समावेशिता का महत्व।
- भारत की खेल संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में कदम।
- पीटी उषा का दृष्टिकोण युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है।
- डोप-मुक्त खेल का संदेश फैलाने की प्रतिबद्धता।
नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा है कि भारत का 'विजन 2036' ओलंपिक की मेजबानी का लक्ष्य है, जो भारत को एक ग्लोबल स्पोर्टिंग पावरहाउस में बदलने का प्रयास है। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
पीटी उषा ने कहा, "हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य भारत को खेल के क्षेत्र में विश्व स्तर पर पावरहाउस बनाना है। यही दृष्टिकोण आज की चर्चा का केंद्र है, जो भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के विजन 2036 से जुड़ा हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा, "2036 तक, हम न केवल ओलंपिक में निरंतर सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, बल्कि ओलंपिक खेलों की मेज़बानी भारत में भी करना चाहते हैं। यह आयोजन हमारी बढ़ती क्षमता, आत्मविश्वास और वैश्विक खेल उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
पीटी उषा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का हवाला देते हुए कहा, "जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, 'युवा और खेल भारत के भविष्य के दो इंजन हैं। एक सशक्त खिलाड़ी एक सशक्त राष्ट्र का प्रतीक है।'"
'क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड' के रूप में जानी जाने वाली पीटी उषा ने कहा, "यह शक्तिशाली संदेश हमारी मिशन की भावना को दर्शाता है। इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, हम मिलकर एक मजबूत और टिकाऊ खेल रणनीति बनाएंगे, राज्य और जमीनी स्तर के सिस्टम को और मजबूत करेंगे, और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी अपनी पृष्ठभूमि या भौगोलिक स्थिति के कारण पीछे न छूटे।"
आईओए अध्यक्ष ने कहा, "हम खेल को महिलाओं, युवा एथलीटों, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी स्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो ओलंपिक पोडियम का सपना देखते हैं। 'विजन 2036' केवल आईओए का नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक कोच, अधिकारी, फेडरेशन, सरकार के साझेदारों, प्रायोजकों और सबसे बढ़कर, हर उस एथलीट का है जो गर्व से तिरंगा लहराता है।"