क्या मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की टीम ने भारतीय टीम को पीछे छोड़ दिया है?

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क्या मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की टीम ने भारतीय टीम को पीछे छोड़ दिया है?

सारांश

पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में भारतीय टीम की कमजोर स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी और टीम के संतुलन की कमी के बारे में बात की। क्या टीम इंडिया ड्रॉ कराने में सफल होगी? जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा में।

Key Takeaways

  • भारत की स्थिति ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में कमजोर है।
  • इंग्लैंड की बल्लेबाजी मजबूत है।
  • गेंदबाजों में धैर्य की कमी है।
  • टीम संतुलन में कमजोरी है।
  • ड्रॉ कराना एक बड़ी उपलब्धि होगी।

कोलकाता, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा कि ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में भारतीय टीम की स्थिति कमजोर है। अगर टीम इंडिया वापसी करते हुए मैच को ड्रॉ भी करा लेती है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए मनोज तिवारी ने कहा, "वर्तमान में भारत की स्थिति मैच में अच्छी नहीं है। इंग्लैंड की टीम ने शानदार बल्लेबाजी की है। उनका बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत है। ऐसे में भारतीय टीम के लिए यह मैच जीतना अब कठिन हो गया है। अगर इंग्लैंड ने पहली पारी में बड़ा स्कोर बना लिया, तो भारत के बल्लेबाजों पर दबाव होगा। ऐसे में अगर हम किसी तरह से टेस्ट को ड्रॉ करा लें, तो यह बड़ी बात होगी।"

तिवारी ने कहा कि गेंदबाजों में धैर्य की कमी नजर आ रही है। वे नियंत्रण के साथ गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं। गेंदबाजों को मेडन ओवर फेंकने का प्रयास करना चाहिए ताकि रन रोका जा सके। यदि रन नहीं रुकेंगे तो बल्लेबाज अतिरिक्त रिस्क नहीं लेगा और विकेट मिलने के अवसर कम होंगे।

गिल की कप्तानी और टीम में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के संतुलन पर तिवारी ने कहा, "मैंने सीरीज की शुरुआत में कहा था कि यह टेस्ट विशेषज्ञों का खेल है। लेकिन विशेषज्ञों को बाहर बैठाया जा रहा है और ऑलराउंडर्स को खिलाया जा रहा है। कुलदीप यादव को खिलाना चाहिए था, वे प्रभावी हो सकते थे।"

मनोज तिवारी ने हेड कोच गौतम गंभीर पर भी निशाना साधते हुए कहा, "गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद एक पैटर्न दिखाई दे रहा है। अगर टीम के खिलाड़ी एक या दो मैच में असफल होते हैं, तो बाहर से खिलाड़ियों को लाकर खिलाया जाता है। न्यूजीलैंड सीरीज में अश्विन के रहते हुए वाशिंगटन सुंदर को बाहर से लाया गया। हालांकि सुंदर ने अच्छी गेंदबाजी की। लेकिन गंभीर यह संदेश देना चाहते थे कि अश्विन अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर देवदत्त पड्डीकल और हर्षित राणा को खिलाया गया था। राणा अभी बाहर हैं। कंबोज को इंग्लैंड में बुलाया गया। यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी पर भरोसा नहीं है। न्यूजीलैंड सीरीज में हार की वजह से ही हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने का मौका चूक गए।"

Point of View

NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में भारत की स्थिति कैसी है?
भारत की स्थिति वर्तमान में कमजोर है, और इंग्लैंड की टीम ने मजबूत बल्लेबाजी की है।
क्या भारत टेस्ट को ड्रॉ करा सकता है?
अगर भारत अच्छा खेलता है, तो ड्रॉ कराना संभव है।
मनोज तिवारी ने किस गेंदबाज की कमी बताई है?
मनोज तिवारी ने गेंदबाजों में धैर्य की कमी की ओर इशारा किया है।
गौतम गंभीर पर मनोज तिवारी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि गंभीर का एक पैटर्न है, जो खिलाड़ियों के चयन में अस्थिरता दिखाता है।
कुलदीप यादव को क्यों नहीं खिलाया गया?
तिवारी ने कहा कि कुलदीप यादव को खिलाना चाहिए था, वे प्रभावी हो सकते थे।