क्या वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट का नया वैभव हैं?

सारांश
Key Takeaways
- वैभव सूर्यवंशी का आईपीएल में पदार्पण
- 14 वर्ष की उम्र में सबसे युवा खिलाड़ी
- यूथ वनडे में सबसे तेज शतक
- बिहार से घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन
नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे हैं, जिन्होंने केवल 14 वर्ष की आयु में अपनी प्रतिभा से सभी को चौंका दिया है। जब आईपीएल-2025 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में साइन किया, तब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि यह किशोर मैदान पर कुछ बड़ा कर सकता है।
वे आईपीएल खेलने वाले सबसे युवा क्रिकेटर बने। उन्होंने 14 वर्ष और 23 दिन की उम्र में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ खेला। अपने पहले मैच में वैभव ने 20 गेंदों में 34 रन बनाए।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने आईपीएल-2025 में कुल 7 मैच खेले, जिसमें 36 की औसत से 252 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला। वैभव ने इन 7 मैचों में 24 छक्के और 18 चौके जड़कर साबित किया कि उनकी उम्र भले ही कम हो, लेकिन उनमें काफी क्षमता है।
उनका खेल, निडरता और बल्लेबाजी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ने सभी को प्रभावित किया है। हाल ही में, सूर्यवंशी को इंग्लैंड दौरे पर भारत की अंडर-19 टीम में शामिल किया गया। उन्होंने वहां भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 5 वनडे मैचों में 48, 45, 86, 143 और 33 रन बनाकर सबको हैरान कर दिया।
5 जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे वनडे मैच में उन्होंने 78 गेंदों में 10 छक्कों और 13 चौकों की मदद से 143 रन बनाए। उन्होंने 52 गेंदों में शतक पूरा कर एक नया रिकॉर्ड बनाया। वैभव 'यूथ वनडे' में सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए और 14 वर्ष और 100 दिन की उम्र में यह कारनामा कर नजमुल हसन शांतो के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
उन्होंने इस मैच में विहान मल्होत्रा के साथ 219 रन की साझेदारी की। भारत ने इस मुकाबले को 55 रन से जीता। इंग्लैंड में वैभव का बल्ला जिस तरह गरजा है, उसने साबित कर दिया है कि यह सलामी बल्लेबाज केवल भारतीय जमीं पर नहीं, बल्कि विदेशी परिस्थितियों में भी चमक बिखेर सकता है।
27 मार्च 2011 को बिहार के समस्तीपुर में जन्मे वैभव सूर्यवंशी तेज गति से रन बनाने के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट विशेषज्ञ उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की तुलना विश्व के महान क्रिकेटरों से करते हैं। कुछ को उनमें सचिन तेंदुलकर की झलक दिखाई देती है, जबकि कुछ ब्रायन लारा की तुलना करते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने उन्हें पृथ्वी शॉ की गलतियों से सीखने की सलाह दी है।
वैभव एक सलामी बल्लेबाज हैं, जिनका काम टीम को तेज शुरुआत दिलाना है। उनका लक्ष्य भारत की सीनियर टीम में स्थान बनाना है, जिसके लिए उन्हें पहले घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा।
वैभव सूर्यवंशी बिहार की टीम से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने 13 वर्ष और 269 दिन की उम्र में 'लिस्ट-ए क्रिकेट' में पदार्पण किया, जिससे वह लिस्ट-ए क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा भारतीय क्रिकेटर बन गए।
बिहार की ओर से विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में मध्य प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया। वह आधुनिक युग में 'प्रथम श्रेणी क्रिकेट' खेलने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी भी हैं। वैभव अंडर-19 स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी हैं।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वैभव का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने 10 पारियों में 10 की औसत से 100 रन बनाए हैं, जबकि 6 लिस्ट-ए मैचों में उनकी औसत 22 के साथ 132 रन हैं।
आधुनिक क्रिकेट में फिटनेस एक महत्वपूर्ण मानक है, जिसके लिए 'यो-यो टेस्ट' पास करना आवश्यक है। यदि वैभव सूर्यवंशी इसी जुनून और संयम के साथ अपनी फॉर्म बनाए रखते हैं, तो भविष्य में उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिल सकता है। इसके लिए उन्हें घरेलू क्रिकेट में मेहनत करके खुद को कुंदन बनाना होगा।