क्या भारतीय फुटबॉल को जूनियर स्तर पर मजबूत करने की जरुरत है? : बाइचुंग भूटिया

सारांश
Key Takeaways
- जूनियर स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।
- भारतीय टीम को फीफा विश्व कप और एशिया कप में क्वालीफाई करना चाहिए।
- बेहतर अकादमी की आवश्यकता है।
- खालिद जमील को निरंतरता लानी होगी।
- एसएफएल का योगदान महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा है कि अगर हम जूनियर स्तर पर सुधार लाते हैं, तो इससे देश में फुटबॉल की स्थिति में परिवर्तन आएगा और हमारी टीम अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में क्वालीफाई करने और जीतने की क्षमता प्राप्त कर सकेगी।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए, बाइचुंग भूटिया ने कहा, "मैं लंबे समय से फुटबॉल के साथ हूं। बाइचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल (बीबीएफएस) भारत की प्रमुख निजी संस्थाओं में से एक है, जिसकी स्थापना लगभग 15 साल पहले हुई थी। हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक लड़कों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें बेहतर कोचों के माध्यम से प्रशिक्षित करना है। इसके लिए लीग का निरंतर होना आवश्यक है। हम अपने स्तर से लीग का आयोजन करते हैं। एसएफएल जैसी संस्थाओं का आना और लीग का आयोजन करना, खिलाड़ियों के खेल के विकास में महत्वपूर्ण है। एसएफएल लंबे समय से ऐसा कर रही है और साल में 5-6 महीने तक कराती है।
भूटिया ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य भारतीय टीम को फीफा विश्व कप और एशिया कप के लिए क्वालीफाई करना होना चाहिए। हमारे पास देश में कई टूर्नामेंट हैं, जहाँ हम युवा खिलाड़ियों को अवसर देकर उनकी क्षमता का मूल्यांकन कर सकते हैं। हमारा लक्ष्य हर बार एशिया कप के लिए क्वालीफाई करना होना चाहिए। इस बार यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग रहा है। अगर हम एशिया कप और विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं करते हैं, तो अन्य टूर्नामेंटों में संतोष नहीं मिलता है। हमें निरंतर एशिया कप के लिए क्वालीफाई करना होगा, तभी एक दिन हम विश्व कप में स्थान बना पाएंगे।
इस स्टार फुटबॉलर ने कहा, "हमें देश में फुटबॉल के लिए एक संरचना स्थापित करनी होगी। हमें जूनियर स्तर पर ऐसी टीम तैयार करनी होगी, जो न केवल एशिया कप और विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर सके, बल्कि वहाँ जीत भी सके। वही खिलाड़ी जब आगे चलकर भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे, तो टीम एशिया कप और विश्व कप में जाएगी और अच्छा प्रदर्शन करेगी। इसके लिए बुनियादी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। बेहतर अकादमी की आवश्यकता है, जहाँ कोचिंग की श्रेष्ठ सुविधाएँ हों।"
भारतीय फुटबॉल टीम के कोच खालिद जमील को नियुक्त किया गया है। उनके बारे में टिप्पणी करते हुए भूटिया ने कहा कि वह हमेशा आश्चर्यचकित करते हैं। हमने लीग में देखा है कि उनकी कोचिंग में कभी-कभी उनकी टीम ऐसी टीम को भी हरा देती है, जो हराना कठिन होता है और कभी-कभी ऐसे मैच भी हार जाती है, जिनमें हारना नहीं चाहिए। खालिद को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी।