क्या अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे भारतीय हॉकी खिलाड़ी बाढ़ पीड़ितों की मदद की अपील कर रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय हॉकी टीम ने एशिया कप जीता।
- बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद की अपील की गई।
- खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और टीम भावना को दर्शाया।
- हरमनप्रीत सिंह ने समाज के प्रति जिम्मेदारी की बात की।
- भारत ने वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया।
अमृतसर, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के राजगीर में आयोजित पुरुषों के एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मौजूदा चैंपियन दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर खिताब अपने नाम किया। जब खिलाड़ी अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने खिलाड़ियों का फूल-मालाओं से सम्मान किया।
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "इस जीत से हम बहुत खुश हैं। हॉकी एक टीम खेल है। कोई भी गोल करे, अंततः आप टीम के लिए ही गोल कर रहे हैं। वर्ल्ड कप से पहले हमें कुछ ब्रेक मिलेगा। हमें उम्मीद है कि कैंप के दौरान हम अपनी कमियों को सुधारेंगे।"
पंजाब इस समय बाढ़ की चपेट में है। यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है। हरमनप्रीत सिंह ने कहा, "पंजाब इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है। मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे का सपोर्ट करके इस मुश्किल समय से बाहर निकल सकते हैं। ऐसा हम कर भी रहे हैं।"
हार्दिक सिंह ने कहा, "वर्ल्ड कप में पहुंचने पर हमें बहुत खुशी है। हम वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने की चाह रखते हैं। हमारा फोकस है कि जिन टीमों से भिड़ें, उनके खिलाफ अपना शत प्रतिशत दें।"
उन्होंने आगे कहा, "बाढ़ प्रभावित लोग जिन हालातों से गुजर रहे हैं, उसका वास्तविक अनुभव वहां पहुंचकर ही किया जा सकता है। मेरा सभी से अनुरोध है कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करें। बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए अवश्य पहुंचें।"
मनप्रीत सिंह ने कहा, "हम वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करेंगे। हमारी तैयारियां बेहतरीन हैं। एशिया कप के जरिए हमने वर्ल्ड कप के लिए सीधा क्वालिफाई किया है। हमें पंजाब के हालात देखकर बहुत दुख है। सभी हॉकी खिलाड़ी पंजाब के लोगों के साथ हैं। हम उनका भरपूर सपोर्ट करेंगे।"
इस जीत के साथ भारत ने न केवल अपना चौथा एशिया कप खिताब हासिल किया, बल्कि अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले हॉकी वर्ल्ड कप के लिए सीधी क्वालिफिकेशन भी प्राप्त कर ली।
फाइनल मैच में भारतीय टीम ने शुरुआत से ही दबदबा बनाए रखा और विपक्षी टीम को कोई बड़ा मौका नहीं दिया। भारतीय खिलाड़ियों का आक्रामक और मजबूत डिफेंस दोनों ही शानदार रहे, जिसके कारण दक्षिण कोरिया केवल एक गोल ही कर सका।