क्या भूमिका की सफलता नासिक के एथलीटों के लिए प्रेरणा है? - कोच सिद्धार्थ वाग
सारांश
Key Takeaways
- भूमिका ने एशियाई युवा खेलों में कांस्य और रजत पदक जीते।
- कोच सिद्धार्थ वाग का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
- भारत सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय है।
- भूमिका के पिता का समर्थन उनके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
- भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन भविष्य के ओलंपिक के लिए प्रेरणादायक है।
कोच सिद्धार्थ वाग ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, भूमिका का एशियाई युवा खेल में बेहतरीन प्रदर्शन न केवल देश के लिए बल्कि पूरे नासिक के लिए गर्व का क्षण है। वह पिछले पांच वर्षों से मेरी ट्रेनिंग ले रही है। जब वह 12 वर्ष की थी, तब से वह यहाँ ट्रेनिंग कर रही है। मुझे गर्व है कि उसने देश के लिए 2 पदक जीते हैं। उसने खेलों इंडिया सेंटर में भी अभ्यास किया है।
नासिक, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) - बहरीन में आयोजित एशियाई युवा खेलों में भूमिका नेहते ने अद्भुत प्रदर्शन किया। भूमिका ने व्यक्तिगत दौड़ में कांस्य और टीम स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया। उनके कोच, सिद्धार्थ वाग ने कहा कि उनकी सफलता नासिक के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि भूमिका की यह उपलब्धि नासिक के खिलाड़ियों और विशेषकर मेरे कोचिंग सेंटर के आने वाले एथलीटों के लिए एक प्रेरणा बन गई है। सभी भूमिका की तरह ही देश के लिए पदक जीतना चाहते हैं।
भारत सरकार खिलाड़ियों को एथलेटिक्स के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सहायता और प्रोत्साहन मिल रहा है। सरकार का लक्ष्य 2036 ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन है। इस दिशा में एशियाई युवा खेल में भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन एक शुरुआत है। ये एथलीट हमें ओलंपिक में भी पदक दिलवाएंगे।
भूमिका के पिता, संजय विनायक नेहते ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि भूमिका पिछले चार वर्षों से मिनाताई ठाकरे स्टेडियम में अभ्यास कर रही है। भुवनेश्वर में आयोजित राष्ट्रीय दौड़ प्रतियोगिता में उसने गोल्ड और सिल्वर जीते हैं। बहरीन में 200 मीटर में कांस्य और रिले में सिल्वर जीता। भूमिका 11वीं कक्षा में है और विज्ञान में पढ़ाई कर रही है।