क्या चिराग शेट्टी ने बैडमिंटन में इतिहास रच दिया?

सारांश
Key Takeaways
- चिराग शेट्टी का बैडमिंटन करियर प्रेरणादायक है।
- उन्होंने गोल्ड और ब्रॉन्ज जैसे कई पुरस्कार जीते हैं।
- उनकी जोड़ी 'सात्ची' ने भारत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।
- चिराग और सात्विक ने मिलकर बैडमिंटन की दुनिया में नंबर-1 रैंकिंग हासिल की।
- उन्होंने 2020 और 2024 ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएनएस)। चिराग शेट्टी, जो कि चार जुलाई 1997 को मुंबई के मलाड में जन्मे हैं, भारत के एक प्रमुख शटलर के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने महज सात साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था और तब से उन्होंने कई बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में जीत हासिल की है।
चिराग ने गोरेगांव स्पोर्ट्स क्लब में उदय पवार बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया, और बाद में पुलेला गोपीचंद अकादमी में हैदराबाद में ट्रेनिंग ली। वहां उनकी मुलाकात सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी से हुई।
इस जोड़ी ने मिलकर बैडमिंटन में अपनी पहचान बनाई और भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया। इन्हें 'सात्ची' के नाम से जाना जाता है।
चिराग शेट्टी ने 2016 में एशियन टीम चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता और इसके बाद 2018 में कॉमनवेल्थ में मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड और मेंस डबल्स में सिल्वर मेडल जीता। 2020 में उन्होंने फिर से एशियन टीम चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
साल 2022 चिराग के लिए विशेष रहा। उन्होंने थॉमस कप में गोल्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज दिलाया। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में उन्होंने गोल्ड और सिल्वर जीते। इसके अलावा, एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीते। 2023 में चिराग ने एशिया मिक्स्ड टीम चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
चिराग और सात्विक ने 2023 में तीन बीडब्ल्यूएफ खिताब जीते, जिनमें इंडोनेशिया ओपन, कोरिया ओपन, और स्विस ओपन शामिल हैं। अक्टूबर 2023 में ये बैडमिंटन रैंकिंग में दुनिया की नंबर-1 जोड़ी बन गए। यह किसी भी भारतीय जोड़ी द्वारा पहली बार किया गया है।
चिराग ने 2020 टोक्यो ओलंपिक और 2024 पेरिस ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन पदक जीतने से चूक गए।
उन्हें 2020 में 'अर्जुन अवॉर्ड' और 2023 में 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड' से नवाजा गया है।