क्या पीकेएल ट्रॉफी टीम के सामूहिक प्रयास का प्रतीक है : कप्तान अंशु मलिक?
सारांश
Key Takeaways
- दबंग दिल्ली ने पीकेएल में दूसरी बार खिताब जीता।
- कप्तान अंशु मलिक ने टीम के सामूहिक प्रयास की सराहना की।
- जोगिंदर नरवाल का सपना पूरा हुआ।
- खेल में एकता और सामूहिकता की अहमियत।
- फजल अत्राचली बने सबसे सफल विदेशी खिलाड़ी।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंशु मलिक की कप्तानी में दबंग दिल्ली केसी ने शुक्रवार को प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के फाइनल में पुणेरी पल्टन के खिलाफ 31-28 से जीत का परचम लहराया। कप्तान अंशु ने इस सफलता का श्रेय पूरी टीम को दिया है, जिसमें जोगिंदर नरवाल का चैंपियनशिप जीतने वाला कोच बनने का सपना भी शामिल है।
यह दबंग दिल्ली का दूसरा प्रो कबड्डी लीग खिताब है। इससे पहले टीम ने सीजन 8 का खिताब भी अपने नाम किया था। उस समय वर्तमान हेड कोच जोगिंदर नरवाल टीम के कप्तान थे।
अंशु ने 'जियोस्टार' के 'केबीडी लाइव' पर कहा, "यह ट्रॉफी हमारी पूरी टीम के सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। जोगिंदर नरवाल ने चैंपियनशिप जीतने वाले कोच बनने का सपना साकार किया। मैंने टीम को पीकेएल में गौरव दिलाने का अपना सपना पूरा किया, लेकिन सबसे खास बात है कि यह जीत सुरजीत भाई के लिए है, जो हम सभी के लिए बड़े भाई जैसे हैं। 10 सीजन की कड़ी मेहनत के बाद, यह क्षण आखिरकार पीकेएल चैंपियन बनने के उनके जीवन भर के सपने को पूरा करता है।"
इसी बीच, फजल अत्राचली भी पीकेएल के इतिहास में सबसे सफल विदेशी खिलाड़ी बन गए।
दबंग दिल्ली की जीत पर खुशी जताते हुए ईरानी खिलाड़ी ने कहा, "मैं बेहद खुश हूं, क्योंकि इस सीजन की शुरुआत में किसी को भी हमारी टीम पर विश्वास नहीं था। लोग दबंग दिल्ली को एक साधारण टीम कहते थे, लेकिन हमने अपनी एकता और चैंपियन की मानसिकता का परिचय दिया। यह दूसरा खिताब एक विशेष उपलब्धि है। अब साथ मिलकर अपनी सफलता का जश्न मनाने का सही समय है।"
दबंग दिल्ली खिताब जीतने के साथ ही जयपुर पिंक पैंथर्स और पटना पाइरेट्स के क्लब में शामिल हो गई है, जिसने एक से ज्यादा बार ट्रॉफी अपने नाम की है। मनप्रीत सिंह के बाद जोगिंदर नरवाल बतौर कप्तान और कोच ट्रॉफी जीतने वाले दूसरे व्यक्ति बने हैं।