क्या ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को मौका देना डीडीसीए का उद्देश्य है? : रोहन जेटली

सारांश
Key Takeaways
- डीडीसीए का उद्देश्य खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान करना है।
- महिला खिलाड़ियों की संख्या 150 हो गई है।
- हमने डीपीएल में पुरुष लीग में दो नई टीमें जोड़ी हैं।
नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली प्रीमियर लीग-2025 के लिए सोमवार को महिला खिलाड़ियों की नीलामी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली ने बताया कि संघ का मुख्य लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को अवसर प्रदान किया जाए।
रोहन जेटली ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "हमें डीपीएल के लिए उत्कृष्ट प्रतिक्रिया मिली है। हमने पुरुष लीग में दो नई टीमों का समावेश किया है और विमेंस टीम में पूल बढ़ाया गया है, ताकि अधिक संख्या में खिलाड़ियों को ऑक्शन में भाग लेने का मौका मिल सके।"
उन्होंने आगे बताया, "पहले हम साल भर में लगभग 1,000 मैच आयोजित करते थे, लेकिन अब यह संख्या 1,800 हो गई है। हमारे पास अंडर-16, अंडर-19, ओपन लीग, प्रोफेशनल टी20 लीग, और डीपीएल जैसे आयोजन हैं। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के लिए भी क्लब स्तर पर क्रिकेट की शुरुआत की गई है। हमारा लक्ष्य है कि खिलाड़ियों को अधिकाधिक अवसर प्रदान करें।"
इस अवसर पर डीडीसीए के निदेशक श्याम सुंदर शर्मा ने कहा, "जब रोहन जेटली ने डीडीसीए का अध्यक्ष पद ग्रहण किया, तब उन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का सपना देखा जहाँ दिल्ली के बच्चों का टैलेंट लोगों के सामने आ सके। पिछले साल डीपीएल की शुरुआत की गई थी, जो अत्यंत सफल रही। मैच के दौरान 20-22 हजार दर्शक उपस्थित हुए। खिलाड़ियों को एक बेहतरीन मंच मिला, जिससे कुछ खिलाड़ी आईपीएल में भी खेल रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इस बार और भी उन्नति करें और कम से कम 10 खिलाड़ी भारतीय टीम में शामिल हों।"
उन्होंने पुरुष और महिला खिलाड़ियों के बीच समानता पर भी जोर दिया, "बीसीसीआई ने महिला खिलाड़ियों की मैच फीस को पुरुषों के बराबर लाते हुए बढ़ाया है। आईपीएल के बाद डब्ल्यूपीएल की शुरुआत की गई है। हम भी महिलाओं को एक मंच प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल हमारे पास चार टीमें थीं, जबकि इस बार 150 विमेंस खिलाड़ियों का पूल है।"
श्याम सुंदर शर्मा ने आगे कहा, "हमने दिल्ली में महिलाओं की लीग का आयोजन किया, जिसमें 600 खिलाड़ियों ने भाग लिया। अब परिवार अपनी बेटियों को भेजना शुरू कर रहे हैं, इसे करियर के रूप में देखा जा रहा है। हम कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली की और लड़कियां बाहर आएं और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलें।"