क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनील गावस्कर से जुड़े कंटेंट हटाने का आदेश दिया?

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क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनील गावस्कर से जुड़े कंटेंट हटाने का आदेश दिया?

सारांश

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनील गावस्कर के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स साइट्स को उनके नाम और तस्वीर के बिना सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। क्या यह कदम अन्य हस्तियों के लिए भी मिसाल बनेगा?

Key Takeaways

  • दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश पर्सनैलिटी राइट्स के प्रति जागरूकता को बढ़ाएगा।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखना होगा।
  • गावस्कर का मामला अन्य हस्तियों के लिए मिसाल बन सकता है।
  • अगली सुनवाई का इंतजार होगा।
  • यह निर्णय न्यायपालिका की सक्रियता को दर्शाता है।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर की पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी अधिकारों की रक्षा हेतु एक अंतरिम निर्देश जारी किया। इस आदेश के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स साइट्स को उनकी अनुमति के बिना उनके नाम और तस्वीर के साथ जुड़े कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया गया।

जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की एकल पीठ ने मेटा और एक्स कॉर्प जैसे प्लेटफार्मों को यह आदेश दिया है कि गावस्कर के बारे में भ्रामक जानकारी वाले यूआरएल को 72 घंटों के भीतर हटा दिया जाए। यदि उपभोक्ता निर्धारित समय में इस निर्देश का पालन नहीं करते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को उन सामग्री तक पहुंच को रोकना होगा।

जस्टिस अरोड़ा ने ई-कॉमर्स साइटों को गावस्कर के नाम पर बिना अनुमति के बेचे जा रहे उत्पादों की सूची हटाने का भी निर्देश दिया। यदि विक्रेता 72 घंटे के भीतर अनुपालन नहीं करते हैं, तो प्लेटफार्मों को उन्हें डीलिस्ट करने का प्रावधान है।

यह अंतरिम राहत उस मामले में दी गई है जिसमें गावस्कर ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर उनके नाम के बिना अनुमति से उपयोग किए जाने के खिलाफ अपनी पर्सनैलिटी के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी।

पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया कि कई सोशल मीडिया पेज उनके नाम से मनगढ़ंत जानकारी फैला रहे हैं, और कई ऑनलाइन विक्रेता उनके नाम से फर्जी ऑटोग्राफ वाले सामान बेच रहे हैं।

पहले की सुनवाई में, जस्टिस अरोड़ा ने गावस्कर से गूगल, मेटा और एक्स को भ्रामक यूआरएल प्रदान करने के लिए कहा था। इसके साथ ही, इंटरमीडियरी को एक सप्ताह के भीतर सूचना तकनीक नियम, 2021 के तहत उनके अनुरोध पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।

गावस्कर का मामला उन प्रमुख पर्सनैलिटी की बढ़ती सूची में शामिल हो गया है जो दिल्ली हाईकोर्ट के सामने अपनी पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी के अधिकारों का उपयोग कर रहे हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने गावस्कर के मामले की अगली सुनवाई 22 मई, 2026 को निर्धारित की है।

Point of View

जहाँ सार्वजनिक हस्तियों की पहचान का दुरुपयोग किया जाता है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनील गावस्कर के मामले में क्या आदेश दिया?
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को सुनील गावस्कर की अनुमति के बिना उनके नाम और तस्वीर के इस्तेमाल वाले कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया।
गावस्कर ने कोर्ट में किस चीज की शिकायत की थी?
गावस्कर ने सोशल मीडिया पर उनके नाम से गलत जानकारी और फर्जी उत्पादों के बिक्री के खिलाफ अपनी पर्सनैलिटी के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी।
क्या होगा यदि प्लेटफॉर्म्स निर्देश का पालन नहीं करते?
अगर प्लेटफॉर्म्स 72 घंटों के भीतर निर्देश का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें उल्लंघन करने वाले कंटेंट तक पहुंच बंद करनी होगी।
गावस्कर के मामले की अगली सुनवाई कब होगी?
गावस्कर के मामले की अगली सुनवाई 22 मई, 2026 को होगी।
इस निर्णय का अन्य हस्तियों पर क्या असर पड़ेगा?
यह निर्णय अन्य हस्तियों को अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए प्रेरित कर सकता है और समान मामलों में न्याय की उम्मीद बढ़ा सकता है।
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