क्या दिल्ली में पेरिस ओलंपिक मेडलिस्ट्स को सम्मानित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने 2036 ओलंपिक में टॉप-10 में आने का लक्ष्य रखा है।
- कोचों का विकास भारतीय खेलों के लिए महत्वपूर्ण है।
- स्पोर्ट्स कोटा से एथलीट्स की नौकरी सुनिश्चित होती है।
- भारतीय खेल नीति को विश्व स्तर पर सराहा गया है।
- खेलों में पारदर्शिता लाने के लिए नए कानून लागू होंगे।
नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दिल्ली में एक समारोह में पेरिस 2024 ओलंपिक के पदक विजेताओं को सम्मानित किया।
इस अवसर पर, मनसुख मांडविया ने कहा, "मैं सभी पदक विजेताओं को बधाई देता हूं। उनके कोच को भी बधाई। कोच ही एथलीट को तैयार करता है। हमारे देश को कोचों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और कोचिंग के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे एथलीट सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण लेने के लिए विदेश जा सकें, अंतरराष्ट्रीय कोच भारत में आकर प्रशिक्षण दें, और हमारे अपने कोचों को विदेशों में प्रशिक्षण के अवसर मिलें। हमारा लक्ष्य भारत की अपनी प्रणाली को मजबूत बनाना है ताकि हम विश्वस्तरीय कोच तैयार कर सकें।"
उन्होंने कहा, "वर्तमान में सरकारी नौकरी में ३० हजार से अधिक स्पोर्ट्स कोटा से एथलीट हैं। स्पोर्ट्स कोटा का प्रावधान एथलीट्स की कमाई के माध्यम को सुनिश्चित करने के लिए है। जो एथलीट कोच बनना चाहते हैं, उन्हें ट्रेनिंग देकर कोच के रूप में काम दिया जाएगा। भारत की खेल नीति को पूरे विश्व में सराहा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल पास करके हमारे गोल्ड की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।"
खेल मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के विजन को दोहराते हुए कहा, "पीएम मोदी ने कहा है कि २०३६ ओलंपिक में भारत को टॉप-१० देशों में आना है। उन्होंने विजन दिया है कि २०४७ में हमें टॉप-५ में आना है। जब लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो मार्ग तय करना महत्वपूर्ण है।"
इस मौके पर ओलंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर ने कहा, "हम फिलहाल वर्ल्ड चैंपियन और एशियन गेम्स जैसे इवेंट्स की तैयारी कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि अपनी स्किल को और निखार सकें। टोक्यो ओलंपिक ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है।"