क्या 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने महिला चेस वर्ल्ड चैंपियन 2025 बनकर इतिहास रचा?

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क्या 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने महिला चेस वर्ल्ड चैंपियन 2025 बनकर इतिहास रचा?

सारांश

19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने एफआईडीई महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 जीतकर इतिहास बनाया। वह पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने यह खिताब जीता। फाइनल में कोनेरू हम्पी को हराकर दिव्या ने भारत का नाम रोशन किया। पीएम मोदी ने उनकी उपलब्धि की सराहना की।

Key Takeaways

  • दिव्या देशमुख ने एफआईडीई महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 जीती।
  • वह पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने यह खिताब जीता।
  • दिव्या ने कोनेरू हम्पी को फाइनल में हराया।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्या की सराहना की।
  • यह जीत युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।

बाकू, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने एफआईडीई महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 जीतकर एक अद्वितीय इतिहास रच दिया है। वह पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने यह सम्मानित खिताब अपने नाम किया है। फाइनल में उनका सामना भारत की शीर्ष शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी से हुआ। बाकू में आयोजित ऑल-इंडियन फाइनल में दिव्या ने हम्पी को रैपिड टाई-ब्रेक में 1.5–0.5 से हराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अद्भुत उपलब्धि पर दिव्या को बधाई दी और हम्पी को उनके उत्कृष्ट प्रयास के लिए सराहा।

फाइनल से पहले शनिवार और रविवार को खेले गए मुकाबले ड्रॉ रहे, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। पहले मैच में दिव्या ने सफेद मोहरों से खेलते हुए एक मजबूत स्थिति बनाई, हालांकि हम्पी ने अंत में बराबरी कर ली। रविवार का दूसरा मैच संतुलित था, लेकिन दिव्या ने कहा कि वह बेवजह मुश्किल में आ गईं और फिर अपनी पकड़ बनाए रखी।

टाई-ब्रेक में दिव्या ने शानदार प्रदर्शन किया। पहला रैपिड गेम ड्रॉ रहा, लेकिन दूसरे में हम्पी समय के दबाव में गलतियां कर बैठीं, जिसका लाभ दिव्या ने उठाया। उन्होंने जीत हासिल की और 2025 महिला विश्व कप चैंपियन बनीं। वह महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतने वाली भारत की चौथी और कुल 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में खिलाड़ियों को उनके ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने लिखा, "दो शानदार भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का एक ऐतिहासिक फाइनल मुकाबला! युवा दिव्या देशमुख के एफआईडीई महिला विश्व शतरंज चैंपियन 2025 बनने पर गर्व है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि कई युवाओं को प्रेरित करेगी।"

पीएम मोदी ने आगे लिखा, "कोनेरू हम्पी ने भी पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन कौशल का प्रदर्शन किया है। दोनों खिलाड़ियों को उनके भविष्य के प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएं।"

फाइनल के बाद दिव्या ने कहा, "यह किस्मत का खेल था। टूर्नामेंट से पहले मैंने सोचा था कि शायद मैं ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर लूं और अंततः मैं ग्रैंडमास्टर बन गई।"

दिव्या देशमुख की चैंपियन बनने की खुशी उनके परिवार में छाई हुई है। उनकी चाची डॉ. स्मिता देशमुख ने कहा, "दिव्या की मेहनत, उनके माता-पिता का त्याग और इस वर्ष उनके द्वारा खेले गए बेहतरीन खेल की मेहनत अब सबके सामने आ रही है। हमें दिव्या के आने का इंतजार है और यह हमारे परिवार के लिए खुशी का पल है।"

दिव्या की जीत इसलिए भी खास है क्योंकि उन्हें एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा। टाई-ब्रेक में वह एक अंडरडॉग के रूप में उतरीं, जबकि कोनेरू हम्पी दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन और क्लासिकल शतरंज में विश्व नंबर 5 हैं। वहीं, दिव्या एफआईडीई महिला रैंकिंग में क्लासिकल में 18वें, रैपिड में 22वें और ब्लिट्ज में 18वें स्थान पर थीं।

नागपुर की दिव्या की यह जीत उनकी अद्वितीय उभरती प्रतिभा का प्रमाण है। पिछले वर्ष उन्होंने विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीती थी। 2024 में बुडापेस्ट में हुए शतरंज ओलंपियाड में उन्होंने भारत के स्वर्ण पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाकू में उनकी जीत ने उन्हें शतरंज की दुनिया में एक उभरता सितारा बना दिया है।

Point of View

बल्कि यह युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। यह राष्ट्रीय गर्व का क्षण है और हमें उम्मीद है कि भविष्य में और भी भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

दिव्या देशमुख कौन हैं?
दिव्या देशमुख एक 19 वर्षीय भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने हाल ही में एफआईडीई महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 जीता है।
दिव्या ने फाइनल में किससे मुकाबला किया?
दिव्या ने फाइनल में भारत की शीर्ष शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी से मुकाबला किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्या की जीत पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्या को बधाई दी और उनकी उपलब्धि को युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बताया।
दिव्या की जीत का महत्व क्या है?
दिव्या की जीत ने भारतीय शतरंज में एक नई मिसाल कायम की है और यह युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
दिव्या का अगला लक्ष्य क्या है?
दिव्या का अगला लक्ष्य और भी बड़े टूर्नामेंट में भाग लेना और अपने कौशल को और विकसित करना है।