क्या 'गोल्डन ब्वॉय' दिव्यांश सिंह पंवार 18 साल की उम्र में वर्ल्ड नंबर-1 बने?

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क्या 'गोल्डन ब्वॉय' दिव्यांश सिंह पंवार 18 साल की उम्र में वर्ल्ड नंबर-1 बने?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत के युवा शूटर दिव्यांश सिंह पंवार ने महज 18 साल की उम्र में कैसे हासिल की वर्ल्ड नंबर-1 की रैंक? जानिए उनकी सफलता की कहानी, कठिन मेहनत और अनुशासन के साथ!

Key Takeaways

  • दिव्यांश ने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड नंबर-1 बनने का गौरव हासिल किया।
  • उन्होंने 2019 में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीता था।
  • दिव्यांश ने महज 12 साल की उम्र में शूटिंग की शुरुआत की।
  • वह अपने कठोर रूटीन से खेल में सुधार लाए हैं।
  • दिव्यांश युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रतिभाशाली शूटर दिव्यांश सिंह पंवार ने अपनी मेहनत, लगन और आत्मनियंत्रण के बल पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। महज 18 साल की उम्र में, दिव्यांश ने 10 मीटर एयर राइफल की वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुँचने का गौरव हासिल किया है।

19 अक्टूबर 2002 को जयपुर में जन्मे दिव्यांश सिंह पंवार राजस्थान की उस धरती से हैं, जहाँ राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और करणी सिंह जैसे प्रसिद्ध निशानेबाजों ने जन्म लिया।

दिव्यांश ने केवल 12 साल की उम्र में शूटिंग शुरू की। उन्हें बचपन से ही शूटिंग का शौक था। उनके पिता दीवार पर निशाना लगाते थे और दिव्यांश प्लास्टिक की बंदूक से निशाना साधते थे। इसके बाद, वह अपनी बड़ी बहन अंजलि के शूटिंग उपकरणों के साथ जयपुर के जंगपुरा शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करने लगे।

साल 2017 में, दिव्यांश ने जूनियर और युवा, दोनों नेशनल्स की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की और सुर्खियों में आए। फरवरी 2019 में, उन्होंने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सीनियर वर्ग का अपना पहला मुकाबला खेला, जिसमें 627.2 के स्कोर के साथ क्वालिफिकेशन में 12वां स्थान प्राप्त किया।

आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में इस प्रदर्शन ने उन्हें यह समझाया कि उन्हें मानसिक रूप से और मजबूत होना होगा। इसके साथ ही, खेल पर फोकस करना आवश्यक था।

इसके बाद, दिव्यांश ने एक कठोर रूटीन अपनाया। वह सुबह 5:30 बजे उठते, 6:30 बजे तक कोच के साथ फिजिकल ट्रेनिंग करते, और फिर नाश्ते के लिए ब्रेक लेते। सुबह 9 बजे शूटिंग रेंज पहुँच कर 1 बजे तक प्रैक्टिस करते। शाम को फिर से फिजिकल ट्रेनिंग करते और रात 10 बजे तक सो जाते।

दिव्यांश ने महज 16 साल की उम्र में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप 2019 में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में सिल्वर जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था।

साल 2013 में, दिव्यांश ने आईएसएसएफ वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप के 10 मीटर एयर राइफल जूनियर मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता। उसी साल, उन्होंने आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप में 10 मीटर की राइफल स्पर्धा में गोल्ड मेडल भी जीता।

साल 2019 में, उन्होंने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप की मिश्रित टीम स्पर्धा में गोल्ड जीता। इसी वर्ष उन्हें प्रतिष्ठित 'गोल्डन टारगेट अवार्ड' से सम्मानित किया गया, जो सीजन के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाजों को प्रदान किया जाता है। 2024 में, दिव्यंश पंवार ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड (253.7) बनाते हुए गोल्ड जीता।

इस प्रतिभाशाली शूटर ने अपनी निशानेबाजी में कौशल और समर्पण से एक अलग पहचान बनाई है। अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ, दिव्यांश युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।

Point of View

बल्कि सभी युवाओं के लिए एक संदेश है कि यदि आप अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित हैं, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

दिव्यांश सिंह पंवार ने कब शूटिंग करना शुरू किया?
दिव्यांश ने महज 12 साल की उम्र में शूटिंग करना शुरू किया।
दिव्यांश ने किस स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता?
दिव्यांश ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप की मिश्रित टीम स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता।
दिव्यांश की उम्र कितनी है?
दिव्यांश की उम्र 18 साल है।
दिव्यांश ने कब ओलंपिक कोटा हासिल किया?
दिव्यांश ने महज 16 साल की उम्र में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप 2019 में ओलंपिक कोटा हासिल किया।
दिव्यांश का जन्मस्थान क्या है?
दिव्यांश का जन्म जयपुर, राजस्थान में हुआ।