क्या ईडब्ल्यूएफ अध्यक्ष ने आईओसी से न्यूट्रल एथलीट दर्जा खत्म करने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- खेल राजनीति से ऊपर है
- न्यूट्रल एथलीट दर्जा ओलंपिक मूल्यों के खिलाफ है
- प्रतिबंध केवल जिम्मेदार व्यक्तियों पर लगने चाहिए
- खेलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को बढ़ावा नहीं देना चाहिए
- भू-राजनीतिक संतुलन आवश्यक है
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूरोपीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (ईडब्ल्यूएफ) के अध्यक्ष अस्त्रित हसानी ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से 'इंडिविजुअल न्यूट्रल एथलीट' (एआईएन) का दर्जा समाप्त करने की विनती की है। उन्होंने आईओसी के अध्यक्ष कर्स्टी कोवेंट्री को एक खुला पत्र लिखकर कहा कि यह प्रणाली ओलंपिक के मूल्यों और चार्टर के सिद्धांतों के खिलाफ है, जिससे खेलों का राजनीतिकरण होने का खतरा बढ़ता है।
आईओसी ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को वैश्विक प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति देने के लिए 'न्यूट्रल एथलीट' श्रेणी का निर्माण किया था, क्योंकि इन दोनों देशों की राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां यूक्रेन युद्ध के कारण 2020 के टोक्यो ओलंपिक से निलंबित हैं। इन खिलाड़ियों को आईओसी के झंडे के तहत खेलों में भाग लेने की अनुमति है।
कोसोवो के निवासी हसानी ने अपने पत्र में जोर देकर कहा, 'खेल राजनीति से ऊपर है।' उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को उनके नेताओं के राजनीतिक निर्णयों के बजाय उनके व्यक्तिगत आचरण के आधार पर आंका जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रतिबंध को केवल उन व्यक्तियों पर लागू होना चाहिए जो सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, न कि उन एथलीटों पर जिनका उद्देश्य केवल प्रतिस्पर्धा करना है।
हसानी के अनुसार, एआईएन का दर्जा ओलंपिक चार्टर के तीन मूल स्तंभों निष्पक्षता, सार्वभौमिकता और खेल की एकजुटता की शक्ति के विपरीत है। उन्होंने आईओसी से आग्रह किया कि भविष्य में इस तरह की व्यवस्था को पुनः लागू न किया जाए।
हसानी ने कोसोवो की जूडो खिलाड़ी माजलिंडा केलमेंडी का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस द्वारा कोसोवो को मान्यता न दिए जाने के बावजूद उन्होंने रूस में कोसोवो के झंडे के साथ प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्होंने कहा, 'इस क्षण ने दिखाया कि खेल राजनीतिक विभाजनों से ऊपर उठ सकता है।'
हसानी ने स्पष्ट किया कि रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर लगाए गए एआईएन प्रतिबंधों को हटाना कोई राजनीतिक कदम नहीं होगा, बल्कि यह ओलंपिक मूल्यों की पुनर्पुष्टि होगी। उन्होंने आईओसी से अनुरोध किया कि ऐसे कदम दोबारा न उठाए जाएं जो खेलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को बढ़ावा दें।
वर्तमान में आईओसी भू-राजनीतिक परिस्थितियों, संयुक्त राष्ट्र के फैसलों और खेलों में समानता के सिद्धांतों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। हसानी की अपील ऐसे समय में हुई है जब खेल और राजनीति के बीच की रेखाएं लगातार धुंधली होती जा रही हैं।