क्या भारतीय महिला क्रिकेटर गौहर सुल्ताना ने सभी फॉर्मेट से संन्यास लिया?

सारांश
Key Takeaways
- गौहर सुल्ताना का संन्यास भारतीय महिला क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण है।
- उन्होंने 2008 में डेब्यू किया और विभिन्न फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया।
- गौहर का सफर प्रेरणादायक रहा है, जो नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए एक उदाहरण है।
- उनकी यात्रा ने भारतीय क्रिकेट को गर्वित किया है।
- गौहर का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय महिला क्रिकेटर गौहर सुल्ताना ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। बाएं हाथ की स्पिनर गौहर सुल्ताना ने भारत की ओर से सीमित ओवरों में 87 मैच खेले हैं।
गौहर ने गुरुवार को अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, "वर्षों तक गर्व, जुनून और मकसद के साथ भारतीय जर्सी पहनने के बाद अब वक्त आ गया है कि मैं अपने क्रिकेट सफर के सबसे भावुक पल के बारे में लिखूं। यादों से भरे दिल और कृतज्ञता से भरी आंखों के साथ मैं सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा करती हूं।"
उन्होंने आगे लिखा, "हैदराबाद की धूलभरी गलियों से लेकर विश्व क्रिकेट के भव्य मंच तक, यह सफर किसी सपने से कम नहीं रहा। भारत का प्रतिनिधित्व करना, चाहे वो वर्ल्ड कप हो, दौरे हों या फिर ऐसे मुकाबले जिन्होंने कौशल और जज्बे दोनों की परीक्षा ली हो, मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। मैदान पर लिया गया हर विकेट, हर डाइव, साथियों के साथ की गई हर हडल ने मुझे उस क्रिकेटर और इंसान के रूप में गढ़ा, जो मैं आज हूं। टीम की साथियों को धन्यवाद। कोच, चयनकर्ताओं, सहयोगी स्टाफ और प्रशासकों को धन्यवाद, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया।"
गौहर सुल्ताना ने मई 2008 में भारत की ओर से डेब्यू किया था। उन्होंने वनडे फॉर्मेट में 50 मुकाबले खेले, जिसमें 19.39 की औसत के साथ 66 विकेट हासिल किए। इसके अलावा 37 टी20 मुकाबलों में 29 विकेट चटकाए।
घरेलू क्रिकेट में अपनी फ्लाइट, स्पिन और सटीकता के लिए पहचानी जाने वालीं गौहर ने हैदराबाद, पुडुचेरी, रेलवे और बंगाल के लिए खेला है। इसके अलावा, गौहर महिला प्रीमियर लीग के दो सीज़न में यूपी वॉरियर्स की ओर से भी खेलीं।
गौहर ने भारत की ओर से आखिरी बार 2014 में खेला था। उसी साल बांग्लादेश में हुए महिला टी20 विश्व कप के बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया था।