क्या गौतम गंभीर 'इंजरी रिप्लेसमेंट' की वकालत कर रहे हैं, बेन स्टोक्स ने इसे 'हास्यास्पद' कहा?

सारांश
Key Takeaways
- गौतम गंभीर ने चोटिल खिलाड़ियों के लिए रिप्लेसमेंट की वकालत की।
- बेन स्टोक्स ने इसे हास्यास्पद कहा।
- वर्तमान में केवल कंकशन और कोविड-19 परिस्थितियों में ही रिप्लेसमेंट की अनुमति है।
- ऋषभ पंत ने चोट के बावजूद बहादुरी से खेल दिखाया।
- खेल में चोटें सामान्य हैं।
मैनचेस्टर, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट की जोरदार वकालत की है। उनका मानना है कि अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो टीम को एक सब्स्टीट्यूट प्लेयर शामिल करने की अनुमति मिलनी चाहिए। हालांकि, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इस विचार को खारिज कर दिया और इसे हास्यास्पद बताया।
चौथे टेस्ट के पहले दिन मैनचेस्टर में खेले गए ड्रॉ मुकाबले में भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को चोट लगी, जिसके बाद उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा। लेकिन पंत ने हिम्मत दिखाते हुए अगली सुबह चोटिल पैर के साथ दोबारा बल्लेबाजी की और इस पारी में अर्धशतक पूरा किया।
पंत की अनुपस्थिति में भारत ने विकेटकीपिंग के लिए ध्रुव जुरेल को सब्स्टीट्यूट के रूप में शामिल किया, लेकिन नियमों के अनुसार वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
गंभीर ने पंत की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए इस प्रकार की परिस्थितियों में टीम को रिप्लेसमेंट खिलाड़ी लाने की अनुमति देने वाले नियम का समर्थन किया।
गंभीर ने मैच के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पंत के लिए जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है। मैं पूरी तरह से इस नियम के पक्ष में हूं। अगर अंपायर्स और मैच रेफरी को लगता है कि खिलाड़ी को गंभीर चोट लगी है, तो यह नियम होना बहुत जरूरी है।"
हेड कोच ने कहा, "ऐसा करने में कुछ भी गलत नहीं है, खासकर जब पहले तीन टेस्ट मुकाबलों में कड़ी टक्कर देखने को मिली हो। सोचिए, अगर हमें 11 खिलाड़ियों के मुकाबले में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता, तो यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता?"
वर्तमान में आईसीसी के प्लेइंग कंडीशन्स के अनुसार, रिप्लेसमेंट की अनुमति सिर्फ कंकशन और कोविड-19 की स्थिति में मिलती है।
दूसरी ओर, बेन स्टोक्स ने इस विचार को हास्यास्पद बताते हुए चेतावनी दी है कि इस तरह के नियम में बहुत सारी खामियां होंगी।
स्टोक्स ने पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में चोटिल खिलाड़ियों के लिए रिप्लेसमेंट की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि चोट के रिप्लेसमेंट को लेकर चल रही यह पूरी बातचीत ही बिल्कुल हास्यास्पद है। इससे टीमें फायदा उठाने के लिए कई लूपहोल्स खोज लेंगी।"
इंग्लैंड के कप्तान ने कहा, "चोट के रिप्लेसमेंट पर बातचीत यहीं खत्म होनी चाहिए। अगर मेरा एमआरआई करवाया जाए, तो मैं किसी और को तुरंत टीम में शामिल कर सकता हूं।"