क्या गोल्फ ने सदियों का सफर तय किया, ओलंपिक में वापसी के लिए 112 वर्षों का इंतजार करना पड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- गोल्फ का इतिहास 15वीं शताब्दी से शुरू होता है।
- यह खेल 1900 में ओलंपिक में शामिल हुआ।
- गोल्फ को 1904 के बाद ओलंपिक से हटा दिया गया था।
- गोल्फ में 18 होल होते हैं।
- भारत में गोल्फ की लोकप्रियता बढ़ी है।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोल्फ एक ऐसा खेल है, जिसे अक्सर अमीर वर्ग का शौक माना जाता है। हालांकि, इसका इतिहास काफी पुराना है, और इसे सबसे पहले 1900 में ओलंपिक में शामिल किया गया।
यह माना जाता है कि आधुनिक गोल्फ की शुरुआत 15वीं शताब्दी में नीदरलैंड में हुई। तब इसे 'कोल्फ' और 'कोलवेन' के नाम से जाना जाता था। 1457 में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स द्वितीय ने इसे बैन कर दिया था, क्योंकि यह सैन्य प्रशिक्षण में बाधा उत्पन्न कर रहा था।
हालांकि, 1502 में यह बैन हटा दिया गया और धीरे-धीरे यह खेल प्रसिद्ध होने लगा। 1754 में 'होम ऑफ गोल्फ' माने जाने वाले सेंट एंड्रयू में गोल्फ के नियम बनाए गए और यहाँ पहला गोल्फ संगठन भी स्थापित हुआ।
1860 में प्रेस्टविक गोल्फ क्लब में पहली बार ओपन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया, और 19वीं सदी के अंत तक यह खेल ब्रिटेन और अमेरिका सहित पूरी दुनिया में फैल गया।
1900 के पेरिस ओलंपिक में गोल्फ का पहला मुकाबला हुआ, जिसमें अमेरिका के चार्ल्स एडवर्ड सैंड्स ने पुरुषों का इवेंट जीता और मार्गरेट इवेस एबॉट ने महिलाओं का।
हालांकि, चार साल बाद महिलाओं की प्रतियोगिता को टीम इवेंट में बदल दिया गया, और 1904 के बाद गोल्फ को अंतरराष्ट्रीय रुचि की कमी के कारण ओलंपिक से हटा दिया गया।
गोल्फ को ओलंपिक में लौटने के लिए 112 वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा। अक्टूबर 2009 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने 2016 रियो ओलंपिक में गोल्फ को शामिल करने का निर्णय लिया।
अंततः 2016 में गोल्फ की ओलंपिक में वापसी हुई और तब से यह खेल ओलंपिक का हिस्सा बना हुआ है।
गोल्फ कोर्स पर खेले जाने वाले इस खेल में क्लब और बॉल का उपयोग किया जाता है। एक राउंड में सामान्यतः 18 होल होते हैं। पेशेवर प्रतियोगिताओं में 4 राउंड का खेल होता है।
खिलाड़ी को अपने स्ट्रोक को होल में पहुंचाना होता है, और इस दौरान उन्हें सैंड ट्रैप्स, पेड़, पानी, रफ सर्फेस और बंकर जैसी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यदि गेंद पानी में चली जाए, तो खिलाड़ियों को पेनाल्टी शॉट खेलना पड़ता है।
खिलाड़ी 'टी-शॉट' से खेल की शुरुआत करता है और छोटे-छोटे होल में गेंद को पहुंचाता है। प्रत्येक होल के अलग-अलग अंक होते हैं।
स्ट्रोक प्ले गोल्फ में गोल्फर के हर राउंड के 18 होल के अंकों को जोड़ा जाता है। टूर्नामेंट के अंत में चार राउंड यानी 72 होल के अंकों को जोड़कर चैंपियन की घोषणा की जाती है।
हाल के वर्षों में भारत में गोल्फ की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स ने इस लग्जरी खेल में साधारण परिवारों से आने वाले खिलाड़ियों के लिए अवसर बनाए हैं।
जीव मिल्खा सिंह, अनिर्बान लाहिड़ी, अदिति अशोक और दीक्षा डागर ने गोल्फ में भारत का परचम लहराया है। हालांकि 2020 टोक्यो ओलंपिक में अदिति चौथे स्थान पर रहते हुए भारत को इस खेल में पहला ओलंपिक पदक दिलाने से चूक गईं, फिर भी उम्मीद है कि देश जल्द ही इस खेल में पहला ओलंपिक पदक अपने नाम करेगा।