क्या पीएम-जनमन के कार्यान्वयन में गुजरात देश का पहला राज्य बना?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) का उद्देश्य पीवीटीजी का विकास है।
- गुजरात ने पीएम-जनमन में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
- राज्य ने 14,552 आवासों के निर्माण की स्वीकृति दी है।
- 22 मोबाइल मेडिकल यूनिट स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।
- गुजरात ने 100 फीसदी विद्युतीकरण पूरा कर लिया है।
गांधीनगर, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की आवश्यकताओं और सुविधाओं की पूर्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) मिशन लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में, पीएम-जनमन के कार्यान्वयन में गुजरात देश का अग्रणी राज्य बन गया है। भारत सरकार द्वारा पीएम-जनमन के कार्यान्वयन की प्रगति के आधार पर घोषित की गई रैंकिंग में गुजरात ने पहले स्थान पर अपनी जगह बनाई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में गुजरात को ‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’ का पुरस्कार प्रदान किया। यह गुजरात की उपलब्धि आदिवासियों के विकास और कल्याण के प्रति राज्य सरकार के मजबूत प्रयासों को दर्शाती है।
यह ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर 2023 को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर देश के 18 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश में बसे 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए पीएम-जनमन मिशन की शुरुआत की थी।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य निश्चित समयसीमा में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, आजीविका और कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। गुजरात में ऐसे 5 विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह हैं, जिनमें काथोडी, कोटवाळिया, पढार, सिद्दी और कोलघा शामिल हैं। राज्य सरकार इन समूहों की आवश्यक बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
पीएम-जनमन मिशन के तहत विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों को आवास, सड़क कनेक्टिविटी, पाइपलाइन से जल आपूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं, महिलाओं के लिए आंगनबाड़ियों का निर्माण, विद्युतीकरण, मोबाइल टावरों की स्थापना, वन धन विकास केंद्र और बहुउद्देश्यीय केंद्रों की स्थापना की जा रही है।
इस मिशन के अंतर्गत इस समुदाय के घर-परिवारों का सर्वेक्षण करके यह पता लगाया जाता है कि किन्हें किस सुविधा की आवश्यकता है, और उसके आधार पर सुविधाओं के लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं।
गुजरात राज्य में पीएम-जनमन के अंतर्गत 14,552 आवासों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, राज्य में बसे इस समुदाय के लगभग 2,803 घरों में पाइपलाइन के जरिए जल आपूर्ति की आवश्यकता थी, और अब इन सभी घरों में जल पहुंचाया जा चुका है। स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 22 मोबाइल मेडिकल यूनिट कार्यरत की गई हैं, जिससे 1.25 लाख से अधिक लोगों ने लाभ उठाया है।
पीएम-जनमन मिशन के अंतर्गत, पीवीटीजी समुदायों की महिलाओं के लिए 67 आंगनबाड़ियां कार्यरत करने का लक्ष्य है और 13 छात्रावासों के निर्माण की मंजूरी दी गई है।
इस मिशन के तहत ऐसे 6,630 घरों में बिजली पहुंचाई गई है, जहां अब तक बिजली नहीं थी। गुजरात राज्य ने पीएम-जनमन के अंतर्गत 100 फीसदी विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। आदिम समूह बस्तियों में मोबाइल नेटवर्क की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 36 नए मोबाइल टावर लगाने की योजना बनाई गई थी, जिनमें से 21 टावर लगाए जा चुके हैं।
इसके अलावा, 41 आदिम समूह बस्तियों में 4जी सेवा कार्यरत है। सड़क सुविधा के अंतर्गत 45 नई सड़कों (कुल 94 किमी) की स्वीकृति दी गई है।
इसके अतिरिक्त, वनोपज के प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन में पीवीटीजी समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 21 वन धन विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें कुल 1,050 लाभार्थी जुड़े हैं। ये केंद्र वनोपज के मूल्य वर्धन और बिक्री के माध्यम से स्थानीय रोजगार और आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुए हैं।
इस मिशन के अंतर्गत पीवीटीजी समुदाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं, वयस्क शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसी विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए 39 बहुउद्देश्यीय केंद्रों की स्थापना की मंजूरी भी दी गई है।
इन सभी बुनियादी सुविधाओं के लिए भारत सरकार के 8 मंत्रालयों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है, जिनमें ग्रामीण विकास मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, संचार मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय शामिल हैं।