क्या एनआईए ने आतंकी साजिश मामले में दो के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया?
सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
- आरोपी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे थे।
- जांच में पर्याप्त डिजिटल सबूत मिले हैं।
- यह मामला देश की सुरक्षा और एकता के लिए गंभीर खतरा है।
- एनआईए जांच को आगे बढ़ा रही है।
नई दिल्ली, ११ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आतंकी साजिश से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
एनआईए ने आंध्र प्रदेश के विजयनगरम निवासी सिराज उर रहमान और हैदराबाद निवासी सैयद समीर को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया है। दोनों को आंध्र प्रदेश पुलिस ने १६ और १७ मई २०२५ को गिरफ्तार किया था।
विशाखापत्तनम स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में कहा गया है कि सिराज उर रहमान और सैयद समीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों के युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे। उन पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और देशभर में आतंकवादी हमले करने की साजिश रचने का आरोप है।
एजेंसी के अनुसार, आरोपी सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को उकसाकर उन्हें हिंसक जिहाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहे थे।
एनआईए के अनुसार, जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों आरोपी अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हो गए थे। इसके बाद वे इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई ग्रुप चलाते थे, जिनका उपयोग ये लोग चरमपंथी विचारधारा फैलाने के लिए किया करते थे। इन प्लेटफॉर्मों पर लोगों को भेजी जा रही जानकारी देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा थी।
एनआईए ने बताया कि जांच के दौरान पर्याप्त डिजिटल और तकनीकी सबूत मिले हैं, जो दोनों आरोपियों की आतंकवादी साजिश में शामिल होने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
एजेंसी ने कहा है कि यह मामला देशभर में युवाओं को ऑनलाइन माध्यमों से कट्टरपंथ की ओर धकेलने की गहरी साजिश का हिस्सा था। एनआईए अब इस पूरे नेटवर्क और इससे जुड़े अन्य संभावित आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच को आगे बढ़ा रही है। इसके साथ ही टीम बनाकर गिरफ्तारी कर रही है।