क्या कोर्ट के फैसले से हसीन जहां खुश हैं? कहा - 'अब अपनी बेटी को अच्छे स्कूल में पढ़ा सकूंगी'

सारांश
Key Takeaways
- कलकत्ता हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
- हसीन जहां की संतोषजनक प्रतिक्रिया
- चार लाख रुपए भरण-पोषण का आदेश
- सामाजिक मुद्दों का उजागर होना
- महिलाओं के अधिकारों की रक्षा
कोलकाता, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और हसीन जहां के बीच चल रहे कानूनी विवाद पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने शमी को हसीन जहां और उनकी बेटी को प्रति माह चार लाख रुपए भरण-पोषण के रूप में देने का आदेश दिया है। इस फैसले से संतुष्ट हसीन जहां का कहना है कि जिस तरह की जिंदगी शमी जी रहे हैं, उन्हें और उनकी बेटी को भी वैसी ही जिंदगी जीने का हक है। इसके साथ ही हसीन जहां ने कहा कि अब वह अपनी बेटी को एक अच्छे स्कूल में पढ़ा सकेंगी।
हसीन जहां ने समाचार एजेंसी 'राष्ट्र प्रेस' से कहा, "मैं माननीय कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश और अपने वकील के प्रति बहुत आभारी हूं। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने बहुत समर्थन किया।"
उन्होंने आगे बताया, "हमने यह केस साल 2018 में दायर किया था। कलकत्ता हाई कोर्ट के इस फैसले से मैं बहुत संतुष्ट और खुश हूं। आर्थिक कारणों से मैं अपनी बेटी को अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा पा रही थी। अब इस आदेश के बाद मुझे काफी सहायता मिलेगी।"
हसीन ने शमी के लिए कहा, "जो इंसान कभी कुछ नहीं था, वह अचानक से कुछ बन गया और उनमें इतनी अकड़ आ गई है कि अब उन्हें अपने परिवार का ध्यान नहीं है। जब उनकी अहंकार टूटेगा, तब उन्हें अपनी पत्नी और बेटी की याद आएगी। उन्होंने अपने घमंड की वजह से हमसे संपर्क नहीं किया है।"
उल्लेखनीय है कि साल 2018 में हसीन जहां ने मोहम्मद शमी और उनके परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें घरेलू हिंसा, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, तथा दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए थे।