क्या भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर अपनी अपराजेयता को साबित किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की अपराजेयता
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत का महत्व
- बेल्जियम के खिलाफ तीन जीत से मिली प्रेरणा
- आगामी मुकाबले की तैयारी
- टीम के खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
कोटिंच, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने अपने यूरोप दौरे में अपराजेय प्रदर्शन जारी रखते हुए चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से पराजित किया।
आयोजक बेल्जियम के खिलाफ तीन जीत के बाद, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था। लेकिन इस जीत ने भारतीय टीम की ताकत को साबित किया और यह दर्शाया कि बेल्जियम के खिलाफ जीत महज भाग्य नहीं थी।
इस दिन जब भारतीय पुरुष और महिला सीनियर टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 2-3 से हार का सामना करना पड़ा, तब जूनियर टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की।
ऑस्ट्रेलिया की जोसी लॉटन ने पांचवें मिनट में गोल करके बढ़त दिलाई। यह गोल पेनल्टी कॉर्नर से बना। भारतीय टीम ने तीन मिनट बाद ही नंदिनी के पेनल्टी कॉर्नर गोल से स्कोर 1-1 किया।
पहले क्वार्टर के अंत में, भारत की उप कप्तान हिना बानो ने 14वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर का फायदा उठाकर टीम को 2-1 की बढ़त दिलाई।
बचे हुए तीन क्वार्टर में दोनों टीमों ने कई अवसर बनाए, लेकिन कोई भी गोल नहीं कर सका। भारतीय टीम ने अपनी रक्षात्मक मजबूती को बनाए रखा और ऑस्ट्रेलिया को गोल का मौका नहीं दिया, जिससे उन्होंने एक शानदार जीत दर्ज की।
यह दौरे पर भारत की चौथी लगातार जीत है। इससे पहले, भारतीय टीम ने बेल्जियम के खिलाफ तीन मैच जीते थे।
भारतीय टीम 17 जून को इस दौरे का अंतिम मैच नीदरलैंड के खिलाफ खेलेगी, जिसमें जीत के साथ वे अपने दौरे का समापन यादगार बनाना चाहेंगी।