क्या जसप्रीत बुमराह हैं आधुनिक युग के महान तेज गेंदबाज, जिनकी कपिल देव से तुलना होती है?
सारांश
Key Takeaways
- जसप्रीत बुमराह का करियर भारतीय क्रिकेट के लिए प्रेरणा है।
- उन्होंने स्पिन-प्रधान भारतीय गेंदबाजी में अपनी जगह बनाई है।
- बुमराह ने कम मैचों में 200 विकेट हासिल कर रिकार्ड बनाया।
- उनकी गति और यॉर्कर ने उन्हें अद्वितीय बनाया है।
- बुमराह अभी भी अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रयासरत हैं।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेज रफ्तार गेंदबाजी, अनोखे एक्शन और सटीक यॉर्कर के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी गहरी छाप छोड़ने वाले जसप्रीत बुमराह के लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें विशेष बना दिया है। इस गेंदबाज को कपिल देव के बाद भारत का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज माना जाता है, जिसने स्पिन-प्रधान भारतीय गेंदबाजी परिदृश्य में अपनी तेज रफ्तार से गहरी छाप छोड़ी।
6 दिसंबर 1993 को अहमदाबाद में जन्मे जसप्रीत बुमराह जब केवल 7 वर्ष के थे, तो उनके सिर से पिता का साया उठ गया। इसके बाद उनकी मां दलजीत कौर ने जसप्रीत और उनकी बहन का पालन-पोषण किया।
घर में शांति बनाए रखने के लिए जसप्रीत घर के अंदर दीवार और फर्श के जोड़ पर गेंद फेंका करते थे। बुमराह उस समय वसीम अकरम और वकार यूनुस से प्रेरित थे। इसी अभ्यास के चलते उन्हें गेंद को सटीक ब्लॉकहोल में डालने की आदत पड़ गई।
साल 2013 में जसप्रीत बुमराह को आईपीएल खेलने का अवसर मिला। हालांकि, अपने पहले आईपीएल सीजन में बुमराह ने केवल 2 मैच खेले, जिसमें कुल 3 विकेट हासिल किए।
इसी वर्ष बुमराह ने फर्स्ट क्लास और लिस्ट-ए करियर की शुरुआत की, जिसमें उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा।
करीब 3 साल बाद, बुमराह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी पदार्पण किया। बुमराह ने जनवरी 2016 में वनडे और टी-20 करियर की शुरुआत की, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए थे।
बुमराह ने अपनी गति और यॉर्कर गेंदबाजी से मेज़बान टीम के बल्लेबाजों को परेशान करते हुए शानदार छाप छोड़ी। उन्होंने अपने डेब्यू वनडे मैच में 40 रन देकर 2 विकेट प्राप्त किए, जबकि टी-20 करियर की शुरुआत 3.3 ओवरों में 23 रन देकर 3 विकेट के साथ की।
जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में टेस्ट मैच के दौरान अपनी गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 मुकाबलों में 13.06 की औसत के साथ 32 विकेट निकाले थे। इसी के साथ उन्होंने बिशन सिंह बेदी (31 विकेट) और कपिल देव (25 विकेट) जैसे महानतम खिलाड़ियों का भी रिकॉर्ड तोड़ा।
जसप्रीत बुमराह टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम मुकाबलों में 200 विकेट हासिल करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज हैं। भारतीयों में केवल स्पिनर्स ही बुमराह से आगे हैं। रवींद्र जडेजा ने 44 मैचों में, जबकि रविचंद्रन अश्विन ने 37 मैचों में यह कारनामा किया है।
जसप्रीत बुमराह ने अपने टेस्ट करियर में 52 मैच खेले हैं, जिसमें 19.79 की औसत के साथ 234 विकेट लिए हैं। इस दौरान उन्होंने 16 मौकों पर फाइव-विकेट-हॉल लिया।
कपिल देव के प्रदर्शन को देखें, तो इस दिग्गज कप्तान ने भारत की तरफ से 131 टेस्ट मुकाबलों में 29.64 की औसत के साथ 434 विकेट हासिल किए।
जसप्रीत बुमराह ने केवल टेस्ट में ही नहीं, बल्कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने समय की मांग और आधुनिक क्रिकेट की चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं। इस दौरान उच्च स्तर बनाए रखते हुए बुमराह ने खुद को महानतम तेज गेंदबाजों में शामिल किया है। उन्होंने आधुनिक क्रिकेट की चुनौतियों, अलग-अलग पिच और उम्मीदों के बीच खुद को साबित किया है। यही वजह है कि कई विशेषज्ञ उन्हें आधुनिक क्रिकेट का सबसे महान भारतीय पेसर मानते हैं।
कपिल देव ने अपने वनडे करियर के 225 मुकाबलों में 27.45 की औसत के साथ 253 विकेट हासिल किए, जबकि बुमराह ने 89 वनडे मुकाबलों में 23.55 की औसत के साथ 149 विकेट निकाले हैं। बुमराह अभी केवल 32 वर्ष के हैं। ऐसे में उनके पास कपिल देव से भी आगे निकलने का अवसर होगा।