क्या बचपन में गेंदबाजी का मजाक उड़ाने वाली झूलन गोस्वामी आज युवाओं के लिए प्रेरणा हैं?
सारांश
Key Takeaways
- झूलन गोस्वामी ने तेज गेंदबाजी में अपनी पहचान बनाई।
- वे महिलाओं की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं।
- उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
- उन्होंने कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड स्थापित किए।
- झूलन को अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की प्रमुख महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी ने तेज गेंदबाजी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्हें महिलाओं की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक माना जाता है। गलियों में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलते हुए से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगभग दो दशकों तक अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाली झूलन की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।
25 नवंबर 1982 को पश्चिम बंगाल के चकदाह में पैदा हुईं झूलन को बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी, हालांकि उनकी मां को उनका लड़कों के साथ खेलना पसंद नहीं था।
जब बच्चे उनकी धीमी गेंदों पर चौके-छक्के लगाते, तो उनका मजाक उड़ाया जाता था। इस स्थिति ने झूलन को तेज गेंदबाज बनने का संकल्प दिलाया। उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत करना शुरू किया।
1997 में भारत में आयोजित महिला विश्व कप का फाइनल ईडन गार्डन्स में हुआ। पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ टिकट लड़कियों के स्कूलों में भेजे थे, जिससे झूलन ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल देखा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट से जीत हासिल की।
इस मैच में झूलन ने उन खिलाड़ियों को खेलते देखा, जिन्हें देखकर उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना देखा था।
झूलन ने एमआरएफ एकेडमी से प्रशिक्षण लिया। मात्र 15 वर्ष की उम्र में उनकी गेंदबाजी ने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। अंततः जनवरी 2002 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिला।
6 जनवरी को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए इस मैच में झूलन ने 7 ओवरों में केवल 15 रन देकर 2 विकेट लिए। भारत ने यह मैच 8 विकेट से जीता।
झूलन गोस्वामी ने लगभग दो दशकों तक भारत के लिए खेला और इस दौरान कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बनाए।
झूलन एक ही टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने यह कारनामा 23 वर्ष और 277 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ किया।
महिला वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक गेंदें फेंकने वाली खिलाड़ी होने के नाते, झूलन ने 204 मैचों में कुल 10,005 गेंदें डालीं, जिनमें से 255 विकेट हासिल किए। उनके अलावा, कोई अन्य महिला गेंदबाज वनडे क्रिकेट में 200 विकेट का आंकड़ा भी नहीं छू सकी है।
झूलन टेस्ट (18) और वनडे (56) क्रिकेट में सबसे अधिक खिलाड़ियों को एलबीडब्ल्यू आउट करने वाली महिला गेंदबाज भी हैं।
2002 में अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने वाली झूलन ने अपनी गति, लाइन-लेंथ और निरंतरता के साथ कई रिकॉर्ड बनाए। वे लंबे समय तक भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ रहीं और युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं।
झूलन गोस्वामी ने भारत के लिए 204 वनडे मैचों में 22.04 की औसत से 255 रन बनाए, जबकि 68 टी20 मैचों में उन्होंने 56 विकेट हासिल किए। उन्होंने 12 टेस्ट मैच भी खेले, जिनमें 17.36 की औसत से 44 विकेट लिए।
क्रिकेट में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए झूलन को वर्ष 2010 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और 2012 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया।