क्या विंबलडन 2025 में जोकोविच का शरीर उन्हें धोखा दे रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- जोकोविच ने विंबलडन-2025 में शानदार प्रदर्शन किया।
- कोर्ट पर गिरने के बाद भी वे जीतने में सफल रहे।
- उनकी चोट की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।
- वे 25वें मेजर खिताब से दो कदम दूर हैं।
- जोकोविच का अनुभव युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।
लंदन, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विंबलडन-2025 के क्वार्टर फाइनल में नोवाक जोकोविच ने फ्लावियो कोबोली के खिलाफ शानदार जीत हासिल की। जीत के क्षण से पहले जोकोविच कोर्ट पर गिर गए, जिससे उपस्थित दर्शक चिंतित हो गए।
24 बार के मेजर चैंपियन नोवाक जोकोविच थोड़ी देर बाद अपने पैरों पर खड़े हुए और 6-7(6), 6-2, 7-5, 6-4 से जीत दर्ज करते हुए अगले दौर में पहुंचे।
इस जीत के बाद जोकोविच ने पत्रकारों से कहा, "यह बहुत अजीब था। घास पर ऐसा होता है। मेरे करियर में ग्रास-कोर्ट पर ऐसा कई बार हुआ है। स्पष्ट है कि मेरा शरीर अब पहले जैसा नहीं रहा, इसलिए चोट का असर मुझे अगले दिन महसूस होगा। तो देखते हैं। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि अगले 24 से 48 घंटे में जो कुछ भी हुआ है, वह ज्यादा गंभीर न हो, ताकि मैं दो दिनों में बिना दर्द के अपना सर्वश्रेष्ठ खेल सकूं।"
जोकोविच की 102वीं विंबलडन जीत के साथ, इस सीजन का उनका रिकॉर्ड 26-8 हो गया है। वह 25वें मेजर खिताब तक पहुँचने के लिए दो कदम दूर हैं। यदि 38 वर्षीय जोकोविच यह खिताब जीतते हैं, तो वह ग्रास कोर्ट मेजर में रोजर फेडरर के आठ खिताबों के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे।
अगर जोकोविच खिताब जीत जाते हैं, तो वे टूर्नामेंट के ओपन एरा इतिहास में सबसे उम्रदराज चैंपियन बन जाएंगे। इसके साथ ही वे रोजर फेडरर के 2017 में बनाए गए रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगे, जिन्होंने 35 साल की उम्र में खिताब जीता था।
जोकोविच ने कहा, "मैं 38 वर्षीय खिलाड़ी के रूप में इस बात से बहुत संतुष्ट हूं कि मैं अभी जिस तरह से चल-फिर रहा हूं और खेल रहा हूं, यह मुझे बहुत पसंद है। मेरी टीम में लगभग 10 लोग हैं, जो मेरे ऑन-कोर्ट और ऑफ-कोर्ट करियर, तैयारी और रिकवरी के हर पहलू पर रोजाना काम करते हैं।"
उन्होंने कहा, "कभी-कभी मैं इन रोजमर्रा के कामों से थक जाता हूं, लेकिन प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए मुझे करना पड़ता है। कोर्ट से बाहर, जिम में या फिर ट्रीटमेंट टेबल पर कई-कई घंटे बिताने पड़ते हैं, बस इस कोशिश में कि जो कुछ भी मेरे पास है, उसके साथ मैं सर्वश्रेष्ठ दे सकूं।"