क्या मेरा अगला लक्ष्य एशियन गेम्स में देश के लिए पदक जीतना है : जोशना चिनप्पा?
सारांश
Key Takeaways
- जोशना चिनप्पा ने एशियन गेम्स के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
- तमिलनाडु विद्युत बोर्ड ने उन्हें सम्मानित किया है।
- उनका लक्ष्य पदक जीतना है।
- सरकार का सहयोग खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- जोशना ने कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता पाई है।
चेन्नई, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय स्क्वैश की महान खिलाड़ी जोशना चिनप्पा को तमिलनाडु विद्युत बोर्ड मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया गया। उनके साथ सुभा वेंकटेशन और थानालक्ष्मी सेकर को भी उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पद्मश्री जोशना चिनप्पा ने कहा, "मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं २०१७ से टीएनईबी का हिस्सा हूँ और इसने मुझे मेरे करियर में बहुत सहारा दिया है। मुझे इतने वर्षों तक बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने, तमिलनाडु सरकार का हिस्सा होने, और अपने राज्य तथा अपने देश का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरा अगला लक्ष्य एशियन गेम्स के लिए भारतीय टीम में स्थान पाना और देश के लिए कई पदक जीतना है। मैं इसके लिए धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ा रही हूँ। एशियन गेम्स से पहले कई अन्य टूर्नामेंट हैं जिन पर मेरा ध्यान है।"
चिनप्पा ने यह भी कहा, "तमिलनाडु सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खिलाड़ियों का काफी सहयोग किया है। मेरे जैसे एथलीटों के लिए, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल खेल रहे हैं, इसमें तमिलनाडु सरकार की बड़ी भूमिका है। सरकार आर्थिक रूप से एथलीटों का सहयोग करती है और युवा प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए उन्हें मंच भी प्रदान कर रही है।"
जोशना चिनप्पा भारत की शीर्ष स्क्वैश खिलाड़ियों में से एक हैं। २०१४ के राष्ट्रमंडल खेलों में, उन्होंने दीपिका पल्लीकल के साथ मिलकर डबल्स में गोल्ड जीता था। यह राष्ट्रमंडल खेलों में स्क्वैश में भारत का पहला गोल्ड था।
इस सफलता के बाद, चिनप्पा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। २०२२ और २०२४ में ग्लासगो विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने डबल्स में गोल्ड जीता। एशियन चैंपियनशिप २०१७ और २०१९ में सिंगल्स में गोल्ड और २०२४ एशियन चैंपियनशिप में मिक्स डबल्स में भी गोल्ड जीता।
चिनप्पा सबसे कम उम्र की भारतीय महिला राष्ट्रीय चैंपियन हैं और १८ खिताबों के साथ सबसे अधिक राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने की रिकॉर्ड धारक हैं। २०२४ में, उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री से सम्मानित किया गया।