क्या चंडीगढ़ पुलिस ने नकली नोटों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया? पांच आरोपी गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली नोटों के गिरोह का भंडाफोड़ किया।
- पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- पुलिस ने बड़ी मात्रा में नकली मुद्रा और उपकरण बरामद किए।
- गिरोह ने नकली नोटों की बिक्री के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया।
- जांच जारी है और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
चंडीगढ़, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह कई राज्यों में नकली भारतीय मुद्रा का उत्पादन और वितरण कर रहा था।
इस कार्रवाई के अंतर्गत, एसपी क्राइम की निगरानी में, डीएसपी क्राइम के मार्गदर्शन और एसएचओ पीएस क्राइम के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान अविनाश कुमार, सत्यम विश्वकर्मा, संदीप, अब्दुल्ला और शहजाद के रूप में की गई है। पुलिस ने इनसे बड़ी मात्रा में नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर, टैबलेट और नकली मुद्रा बनाने के उपकरण बरामद किए।
घटना की शुरुआत 19 दिसंबर को हुई। क्राइम ब्रांच की एक टीम सेक्टर 43 के आईएसबीटी के पास गश्त कर रही थी, तभी उन्हें खुफिया जानकारी मिली कि जम्मू-कश्मीर का निवासी अविनाश कुमार चंडीगढ़ के सेक्टर 52 के गांव कझेड़ी में एक पेइंग गेस्ट हाउस में छिपा हुआ है। राजस्थान पुलिस भी उसकी तलाश में थी। टीम ने त्वरित कार्रवाई की और कई पेइंग गेस्ट हाउस और होटलों की तलाशी ली। अंततः अविनाश को कझेड़ी गांव से पकड़ लिया गया। उसके बैग से 500, 200 और 50 रुपए के नकली नोटों की शीट्स बरामद हुईं। उसी पीजी से उसके साथी सत्यम विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। कमरे की तलाशी में एक लाख एक हजार रुपए की नकली मुद्रा के साथ स्टैंपिंग फॉयल और अन्य सामग्री मिली।
20 दिसंबर को सत्यम के खुलासे पर इलाके में खड़ी एक सफेद ब्रेजा कार की तलाशी ली गई। कार नंबर सीएच01-सीजे-5179 था। इसमें से चार लाख छिहत्तर हजार तीन सौ रुपए की नकली मुद्रा बरामद हुई, जिसमें 500 रुपए के 803 नोट और 200 रुपए के 374 नोट शामिल थे। आरोपियों के बयानों के आधार पर हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी संदीप और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के अब्दुल्ला व शहजाद को भी गिरफ्तार किया गया।
यह गिरोह उत्तर भारत में सक्रिय था और नकली नोटों की खरीद-बिक्री के लिए सोशल मीडिया और टेलीग्राम ग्रुप का उपयोग करता था। नकली नोट छापने के लिए प्रिंटर और स्टैंपिंग फॉयल जैसी सामग्रियों का प्रयोग किया जाता था। पुलिस की यह कार्रवाई नकली मुद्रा के व्यापार पर एक बड़ा झटका है। जांच जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।