क्या के. एम. बी. ने मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- के. एम. बी. का जन्म 20 दिसंबर 1980 को केरल के इडुक्की जिले में हुआ।
- उन्होंने 2004 एथेंस ओलंपिक में 400 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा।
- के. एम. बी. और उनकी बहन ने एशियाई खेलों में पदक जीतकर इतिहास रचा।
- उन्हें 2006 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ट्रैक और फील्ड में भारत में मिल्खा सिंह का नाम अत्यंत प्रतिष्ठित है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिल्खा सिंह ने अपनी गति से सभी को चौंका दिया और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। मिल्खा सिंह के 1960 में रोम ओलंपिक में बनाए गए एक भारतीय रिकॉर्ड को के. एम. बी. ने तोड़ते हुए ट्रैक और फील्ड में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया।
के. एम. बी. का जन्म 20 दिसंबर 1980 को केरल के इडुक्की जिले में हुआ। उनका पूरा नाम कलायथुमकुझी मैथ्यूज बीनू है। एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले बीनू ने कठिन परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण की शुरुआत की, लेकिन कुछ बड़ा करने की इच्छा और कड़ी मेहनत ने उन्हें सफलता की राह पर अग्रसर किया।
400 मीटर और 800 मीटर की दौड़ में विशेषज्ञता रखने वाले धावक के. एम. बी. को बड़ी पहचान एथेंस ओलंपिक में मिली। 20 अगस्त 2004 को एथेंस ओलंपिक में 400 मीटर का वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड उन्होंने 45.48 सेकेंड में बनाया था। उनकी इस गति ने मिल्खा सिंह का 44 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। मिल्खा सिंह ने 1960 के रोम ओलंपिक में 45.73 सेकेंड का समय निकाला था। के. एम. बी. का यह रिकॉर्ड मोहम्मद अनस ने गोल्ड कोस्ट, राष्ट्रमंडल खेलों में 2018 में तोड़ा था, जब उन्होंने 400 मीटर की दौड़ में 45.32 सेकेंड का समय निकाला था।
के. एम. बी. और उनकी बड़ी बहन के. एम. बीनामोल ने 2002 में बुसान एशियाई खेलों में पदक जीतकर इतिहास रचा। वे किसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले पहले भारतीय भाई-बहन बने। के. एम. बी. ने पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता, जबकि उनकी बहन ने स्वर्ण पदक जीता।
भारतीय एथलेटिक्स में उल्लेखनीय योगदान के लिए के. एम. बी. को 2006 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।