क्या वो मुकाबला था, जब 'केनिंग्टन ओवल' में महज 44 रन पर सिमट गई टीम?

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क्या वो मुकाबला था, जब 'केनिंग्टन ओवल' में महज 44 रन पर सिमट गई टीम?

सारांश

क्या आपको पता है कि ऑस्ट्रेलिया ने 'केनिंग्टन ओवल' में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया? जानिए इस अद्भुत मुकाबले के बारे में, जहां टीम महज 44 रन पर ऑलआउट हो गई।

Key Takeaways

  • ऑस्ट्रेलियाई टीम की दूसरी पारी में 44 रन पर ऑलआउट होना एक ऐतिहासिक घटना है।
  • इंग्लैंड की टीम ने पहली पारी में 145 रन बनाए।
  • ह्यूग ट्रम्बल ने मैच में सर्वाधिक विकेट लिए थे।

नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इंग्लैंड के बीच ‘केनिंग्टन ओवल’ में टेस्ट सीरीज का पांचवां मैच आयोजित होने वाला है। क्या आप जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी टीम है, जिसने इस मैदान पर टेस्ट मैच में 50 से भी कम स्कोर पर ऑलआउट होने का शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया है?

यह मैच अगस्त 1896 में खेला गया था। टॉस जीतकर इंग्लैंड ने बल्लेबाजी का निर्णय लिया और पहली पारी में 145 रन बनाए।

ओवल के मैदान पर कप्तान विलियम ग्रेस ने इस पारी में स्टेनली जैक्सन के साथ 54 रन की ओपनिंग साझेदारी की। ग्रेस 24 रन बनाकर पवेलियन लौट गए, इसके बाद जैक्सन ने 45 रन बनाकर टीम को संभालने की कोशिश की।

इस इंग्लिश टीम में कुमार श्री रणजीतसिंहजी भी शामिल थे, जिन्होंने आठ रन की पारी खेली, जबकि बॉबी एबेल ने 26 और आर्ची मैकलारेन ने 20 रन का योगदान दिया।

मेहमान टीम की ओर से ह्यूग ट्रम्बल ने सर्वाधिक छह विकेट लिए, जबकि जॉर्ज गिफेन और टॉम मैककिबिन को दो-दो विकेट मिले।

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 119 रन पर सिमट गई। इस पारी में जो डार्लिंग ने 47 और फ्रैंक इरेडेल ने 30 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से जैक हर्न ने सबसे ज्यादा छह विकेट लिए।

इंग्लैंड को पहली पारी में 26 रन की बढ़त मिली। अगली पारी में इंग्लैंड 84 रन पर सिमट गया, जिससे ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 111 रन का लक्ष्य था।

हालांकि, यह लक्ष्य कठिन नहीं था, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 11 के स्कोर पर अपने छह विकेट खो दिए। इसके बाद, टीम ने अपनी दूसरी पारी में 26 ओवर में महज 44 रन पर ऑलआउट हो गई।

इंग्लैंड की तरफ से बॉबी पील ने छह विकेट लिए, जबकि जैक हर्न ने चार विकेट चटकाए।

Point of View

यह घटना क्रिकेट की अनिश्चितता और खेल के मैदान पर कभी-कभी होने वाली अप्रत्याशितता को दर्शाती है। खेल में उतार-चढ़ाव हमेशा होते हैं, और यह एक ऐसा उदाहरण है जहां एक मजबूत टीम भी संघर्ष कर सकती है। हमें इससे सीखना चाहिए कि हर खेल में मेहनत और समर्पण का महत्व होता है।
NationPress
29/07/2025

Frequently Asked Questions

ये मुकाबला कब हुआ था?
यह मुकाबला अगस्त 1896 में हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में कितने रन बनाए?
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में महज 44 रन बनाए।
इंग्लैंड की ओर से सबसे ज्यादा विकेट किसने लिए?
इंग्लैंड की ओर से बॉबी पील ने छह विकेट लिए।