क्या वो मुकाबला था जब 'केनिंग्टन ओवल' में महज 'सात' रन से जीती टीम?

सारांश
Key Takeaways
- केनिंग्टन ओवल का ऐतिहासिक मैच
- महज सात रन से जीत का रोमांच
- ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में कमजोर प्रदर्शन
- इंग्लैंड के बल्लेबाजों का संघर्ष
- फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ का शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इंग्लैंड के बीच केनिंग्टन ओवल में चल रहे सीरीज के पांचवें टेस्ट मैच ने रोमांच का नया स्तर छू लिया है। सीरीज को 2-2 से बराबर करने के लिए टीम इंडिया को इस मैच को किसी भी कीमत पर जीतना होगा।
क्या आप जानते हैं कि इस मैदान पर रनों के आधार पर सबसे निकटतम जीत ऑस्ट्रेलिया ने हासिल की थी? यह मैच अगस्त 1882 में खेला गया था।
इस मुकाबले में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में केवल 63 रन पर सिमट गई। टीम ने महज छह रन पर ह्यूग मैसी का विकेट खो दिया। इसके बाद विकेट गिरने का सिलसिला जारी रहा।
कप्तान बिली मर्डोक ने 13 रन जोड़े, जबकि जैक ब्लैकहैम ने 17 रन का योगदान दिया। टॉम गैरेट ने 10 रन बनाकर आउट हुए। इनके अलावा किसी अन्य बल्लेबाज ने दहाई का आंकड़ा नहीं छुआ।
विपक्षी टीम की ओर से डिक बार्लो ने सबसे अधिक पांच विकेट लिए, जबकि टेड पीट ने चार विकेट चटकाए।
इंग्लैंड की टीम ने पहली पारी में 101 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को 38 रन की लीड दे दी। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 122 रन बनाकर मेज़बान टीम को जीत के लिए सिर्फ 85 रन का लक्ष्य दिया।
इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज विलियम ग्रेस ने दूसरी पारी में 54 गेंदों पर 32 रन की पारी खेली, लेकिन टीम केवल 77 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने महज सात रन के बहुत करीबी अंतर से मैच जीत लिया।
फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए सात विकेट लिए, जबकि शेष तीन विकेट हैरी बॉयल ने लिए।