क्या केएससीए ने विजय हजारे ट्रॉफी के मैच की इजाजत मांगी?
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ने मैच की अनुमति मांगी है।
- दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं होगी।
- सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जांच समिति का गठन किया गया है।
- इस समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं।
- सुरक्षा उपायों की सिफारिशों का पालन करना अनिवार्य है।
बेंगलुरु, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चिन्नास्वामी स्टेडियम में क्रिकेट मैच आयोजित करने के मामले की जांच के लिए एक नई कमेटी का गठन किया गया है। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सोमवार को विधान सौधा के सब-कमेटी कक्ष में कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) के अधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
इस बैठक में केएससीए के अध्यक्ष वेंकटेश प्रसाद, गृह विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव तुषार गिरिनाथ, राज्य के पुलिस महानिदेशक डॉ. एमए सलीम, गृह विभाग के सचिव केवी शरथ चंद्र, बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर सीमंत कुमार सिंह, एजीडीपी आर. हितेंद्र और केएससीए के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ने 24 दिसंबर को विजय हजारे क्रिकेट मैच आयोजित करने की अनुमति मांगी है, जिसमें दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं होगी।
इस संदर्भ में, दर्शकों और खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (जीबीए) कमिश्नर की अगुवाई में एक कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर, पब्लिक वर्क्स, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट और हेल्थ डिपार्टमेंट शामिल हैं। यह कमेटी चिन्नास्वामी स्टेडियम का निरीक्षण करने के बाद सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सरकार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेगी।
बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर ने पहले ही अपने पत्र में उल्लेख किया था कि यहां मुकाबलों के आयोजन के लिए 17-पॉइंट्स की सिफारिशों का पालन करना अनिवार्य है। कमेटी यह समीक्षा करेगी कि किन-किन कार्यों का निष्पादन हो गया है और सोमवार शाम 5 बजे तक सरकार को इसकी जानकारी देगी।
4 जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के आईपीएल खिताब जीतने के उत्सव के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई थी, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई, जबकि कुछ लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद, स्टेडियम ने महिला विश्व कप के फाइनल सहित कुल 5 मुकाबलों की मेज़बानी गंवा दी थी।