क्या भारत के आरईआईटी सेक्टर ने हांगकांग को पीछे छोड़ दिया?
Key Takeaways
- भारत का आरईआईटी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है।
- मार्केट कैप 1.66 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
- पिछले 5 वर्षों में औसत रिटर्न 8.9 प्रतिशत है।
- आरईआईटी में निवेश से नियमित आय मिलती है।
- आरईआईटी को अपनी कमाई का 90 प्रतिशत हिस्सा निवेशकों को देना होता है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) क्षेत्र अब तेज़ी से विकास कर रहा है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के आरईआईटी की कुल संपत्ति का मूल्य लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। इस स्थिति में भारत ने हांगकांग के आरईआईटी मार्केट को भी पीछे छोड़ दिया है।
एनारॉक कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, 30 सितंबर 2025 तक भारत के आरईआईटी का मार्केट कैप करीब 1.66 लाख करोड़ रुपए होगा, जो कि हांगकांग से अधिक है। भारत में अभी केवल 32 प्रतिशत योग्य संपत्तियां आरईआईटी के रूप में सूचीबद्ध हैं।
पिछले 5 वर्षों में भारतीय आरईआईटी ने हर साल औसतन 8.9 प्रतिशत से अधिक रिटर्न प्रदान किया है। यह रिटर्न सिंगापुर, जापान और हांगकांग जैसे देशों के मुकाबले बेहतर रहा है, जबकि कई विकसित देशों में इस दौरान रिटर्न कम या नकारात्मक रहा।
एनारॉक कैपिटल के सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा, "वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में आरईआईटी ने अच्छा प्रदर्शन किया और ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद मजबूत बने रहे। अब तक सूचीबद्ध चार आरईआईटी की कीमतें 25-61 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं, जबकि हाल ही में लिस्टेड नॉलेज आरईआईटी ने पहले ही लगभग 12 प्रतिशत का लाभ प्राप्त कर लिया है।"
रिपोर्ट के अनुसार, प्रति यूनिट मूल्य में वृद्धि और नियमित आय के परिणामस्वरूप निवेशकों को पिछले एक साल में 5.1 से 6 प्रतिशत तक की अच्छी कमाई हुई है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत के पांच आरईआईटी ने मिलकर 2,331 करोड़ रुपए का वितरण किया, जो पिछले साल से 70 प्रतिशत अधिक है।
एनारॉक कैपिटल के इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के एमडी विशाल सिंह ने कहा कि अधिक निवेशकों की भागीदारी और बड़े इंडेक्स में शामिल होने की उम्मीद के चलते यह सेक्टर जल्द ही 20 अरब डॉलर के मार्केट कैप को पार कर सकता है।
नियमों के अनुसार, आरईआईटी को अपनी कमाई का कम से कम 90 प्रतिशत हिस्सा निवेशकों को देना होता है, जिससे आम लोग और बड़े निवेशक आसानी से बड़े ऑफिस भवनों में निवेश कर पा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरईआईटी के ऑफिस लगभग 90 से 96 प्रतिशत तक भरे हुए हैं। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में पूरे भारत में हुए कुल ऑफिस किराए का 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आरईआईटी का रहा, जो दर्शाता है कि यह क्षेत्र तेजी से मजबूत हो रहा है।