क्या कुलजीत सिंह चहल झज्जर के वीरेंद्र अखाड़े में युवा पहलवानों से मिले?

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क्या कुलजीत सिंह चहल झज्जर के वीरेंद्र अखाड़े में युवा पहलवानों से मिले?

सारांश

झज्जर के वीरेंद्र अखाड़े में कुलजीत सिंह चहल ने युवा पहलवानों से संवाद किया। पीएम मोदी के खेल प्रोत्साहन के दृष्टिकोण के तहत, उन्होंने खिलाड़ियों की मेहनत की सराहना की और उन्हें प्रेरित किया। जानें कैसे हरियाणा के खिलाड़ी खेलों में नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं।

Key Takeaways

  • कुलजीत सिंह चहल का वीरेंद्र अखाड़ा दौरा युवा पहलवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
  • प्रधानमंत्री मोदी के खेल प्रोत्साहन के दृष्टिकोण का महत्व।
  • खिलाड़ियों को अनुशासन और मेहनत बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया।
  • हरियाणा का छारा गांव कुश्ती के लिए विशेष पहचान रखता है।
  • खेलों को राजनीति से दूर रखकर उनकी वास्तविकता को उजागर करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव में स्थित वीरेंद्र अखाड़ा में पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों की तैयारी कर रहे युवा पहलवानों से संवाद किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए खिलाड़ियों को सशक्त बनाने और भारत को खेलों में वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण के तहत, एनडीएमसी के उपाध्यक्ष ने वीरेंद्र अखाड़ा का दौरा किया, जो देश के प्रमुख कुश्ती प्रशिक्षण केंद्रों में से एक है। यहाँ युवा पहलवान विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी करते हैं।

इस अवसर पर हेड कोच आर्य वीरेंद्र दलाल के साथ दुष्यंत लकड़ा भी पहलवानों के साथ उपस्थित रहे। कुलजीत सिंह चहल ने कोच आर्य वीरेंद्र दलाल के प्रशिक्षण माहौल और खिलाड़ियों के उत्साह की सराहना की।

खिलाड़ियों से बातचीत के दौरान, कुलजीत चहल ने कहा, "राहुल गांधी यहाँ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए आए थे, लेकिन हम लोग अखाड़ों को सुविधाएं देने और खिलाड़ियों के विकास की बात करने के लिए यहाँ हैं। पीएम मोदी खिलाड़ियों के साथ बैठकर उनसे संवाद करते हैं। खेल हमेशा राजनीति से ऊपर होना चाहिए।"

इस दौरान, कुलजीत सिंह चहल ने प्रधानमंत्री की योजनाओं और फिट इंडिया मूवमेंट पर भी पहलवानों और कोचों से चर्चा की। उन्होंने परंपरागत कुश्ती के दांव-पेंच भी देखे और खिलाड़ियों की मेहनत की सराहना की।

कुलजीत सिंह चहल ने कहा, "हरियाणा खिलाड़ियों के लिए अग्रणी स्थान पर है। यहाँ के छारा गांव की देशभर में विशेष पहचान है। यहाँ से कई राष्ट्रीय स्तर के पहलवान निकले हैं। वीरेंद्र अखाड़ा, जहां मिट्टी में पसीना बहाकर चैंपियन तैयार होते हैं, अनुशासन और परंपरा का प्रतीक है।"

युवा पहलवानों से बात करते हुए चहल ने उन्हें अनुशासन, फोकस और मेहनत बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "कॉमनवेल्थ और ओलंपिक गेम्स भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और देश को इन खिलाड़ियों से पदक और गौरव की उम्मीद है।"

कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत खेल जगत में एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, आधुनिक खेल अवसंरचना, खिलाड़ियों का कल्याण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर ध्यान, ये सभी कदम युवाओं को नई दिशा दे रहे हैं। खिलाड़ी इसी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ते हुए भारत का नाम रोशन करें।

उन्होंने कहा, "यह एक पूरा, योजनाबद्ध सेटअप है। यहाँ मैट, स्वच्छ पानी, गौशाला, खेती की सुविधाएं, आटा चक्की और मेस है। यहाँ युवा पहलवानों को एक संपूर्ण सिस्टम के तहत दूध और अनाज सहित सही पोषण के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।"

चहल ने पहलवानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "राज्य या केंद्र सरकार, जहाँ भी आपको मदद की आवश्यकता होगी, हम पूरी कोशिश करेंगे। बच्चों की आँखों में ओलंपिक गोल्ड का सपना देखकर बहुत खुशी हुई।"

Point of View

बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करना आवश्यक है। कुलजीत सिंह चहल का यह कदम खेलों को राजनीति से दूर रखकर उनकी वास्तविकता को उजागर करता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

कुलजीत सिंह चहल का वीरेंद्र अखाड़े में क्या उद्देश्य था?
कुलजीत सिंह चहल का उद्देश्य युवा पहलवानों से संवाद करना और उन्हें प्रेरित करना था ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो सकें।
वीरेंद्र अखाड़ा की विशेषता क्या है?
वीरेंद्र अखाड़ा, हरियाणा का एक प्रमुख कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र है, जहाँ युवा पहलवान अनुशासन और परंपरा के साथ प्रशिक्षण लेते हैं।
कुलजीत सिंह चहल ने खिलाड़ियों को क्या सलाह दी?
कुलजीत सिंह चहल ने खिलाड़ियों को अनुशासन, फोकस, और मेहनत बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
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