क्या भारतीय बल्लेबाज गुवाहाटी में अपने 30 साल के रिकॉर्ड को बनाए रख पाएंगे?
सारांश
Key Takeaways
- गुवाहाटी में टेस्ट मैच का महत्व
- 30 साल का रिकॉर्ड खतरे में
- यशस्वी जायसवाल का प्रदर्शन
- सामग्री प्रदर्शन में गिरावट
- टीम की मानसिकता पर प्रभाव
गुवाहाटी, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में हिस्सा ले रही है। कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। गुवाहाटी में चल रहे दूसरे टेस्ट में भी भारतीय टीम की स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है। भारतीय टीम के प्रदर्शन को देखते हुए पिछले ३० साल से बना एक रिकॉर्ड खतरे में है।
पिछले तीन दशकों में भारत में जितनी भी टेस्ट श्रृंखलाएँ खेली गई हैं, किसी न किसी भारतीय बल्लेबाज ने हमेशा शतक लगाया है। आखिरी बार १९९५ में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट श्रृंखला में ऐसा हुआ था जब किसी भारतीय बल्लेबाज ने शतक नहीं बनाया था। फिर भी, भारतीय टीम उस श्रृंखला में विजेता रही थी।
पहला टेस्ट कोलकाता में खेला गया था, जहाँ टीम इंडिया ने पहली पारी में १८९ और दूसरी पारी में ९३ रन पर समेटी। इस मैच में भारतीय टीम को ३० रन से हार का सामना करना पड़ा। कोलकाता टेस्ट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज के बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला, शतक तो बहुत दूर की बात है।
गुवाहाटी टेस्ट की पहली पारी में भी भारतीय टीम २०१ रन पर समेट गई। यशस्वी जायसवाल ने ५८ रन बनाकर सर्वाधिक स्कोर किया, और एकमात्र अर्धशतक भी उनके बल्ले से आया है। भारतीय टीम के पास गुवाहाटी टेस्ट की दूसरी पारी का मौका है। यदि इस पारी में भी किसी बल्लेबाज ने शतकीय पारी नहीं खेली, तो भारत मैच हार सकता है और पिछले ३० साल से हर घरेलू श्रृंखला में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी टूट सकता है।
जायसवाल, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा, और ऋषभ पंत श्रृंखला में अब तक फ्लॉप रहे हैं, जबकि शुभमन गिल चोट के कारण बाहर हो चुके हैं।